पटना पुलिस (Patna Police) ने चार मुन्ना भाइयों को अपने गिरफ्त में लिया है। इन मुन्ना भाईयों ने व्यापम घोटाला से जुड़े तार के साथ-साथ पटना में ऑफलाइन और ऑनलाइन एग्जाम पास कराने का जाल फैला रखा था। इसके मास्टरमाइंड ने पूरे देश में अपना जाल फैला रखा था। पटना पुलिस ने इन चार मुन्ना भाइयों से लाखों रुपये की लैपटॉप, हार्ड डिस्क, कई मोबाइल हिडन कैमरा बरामद किए हैं। शुरुआती दौर में इन मुन्ना भाईयों ने कई सारे राज भी खोले हैं। अब उन मुन्ना भाइयों पर गाज गिरेगी जो इस पर्दे के पीछे हैं। फिलहाल पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। ऐसे में कई राज भी पुलिस नहीं खोल रही है अब आगे पटना पुलिस क्या बड़ा खुलासा करती है यह देखने वाली बात है।
गोपनीय सूचना मिल रही थी
वहीं वरीय पुलिस ने प्रेस जारी कर बताया कि लगातार गोपनीय सूचना मिल रही थी कि सरकारी एवं निजी प्रतिष्ठानों में नौकरी लगाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला गिरोह इन दिनों राजधानी पटना में सक्रिय हुए है। जो प्रतियोगिता परीक्षाओं व शैक्षणिक संस्थानों के परीक्षाओं को पास करवाने के नाम पर अभ्यर्थियों से मोटी रकम की मांग करते हैं। तत्काल इस सूचना के सत्यापन एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी, पटना के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया था।

गिरोह के कुछ सदस्य एकत्र हुए
जिसमें सहायक पुलिस अधीक्षक दानापुर, थानाध्यक्ष दानापुर, रूपसपुर, कंकड़बाग, रामकृष्णानगर एवं अन्य पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया। लगातार आसूचना संकलन एवं तकनीकि एवं वैज्ञानिक अनुसंधान किया जा रहा था। इसी क्रम में गोपनीय सूचना मिली कि दानापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आर.के. पुरम साई कॉलोनी स्थित एक नवनिर्मित किराये के मकान में इस गिरोह के कुछ सदस्य एकत्र हुए हैं।
04 व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में
तत्काल टीम द्वारा उस किराये के मकान पर छापामारी किया गया, जहां 04 व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में पकड़े गये । पूछ-ताछ में इन्होंने अपना नाम अश्विनी सौरभ, तनेश कुमार, रूपेश कुमार एवं शिवशंकर कुमार बताया। तलाशी के क्रम में इस ऑफिसनुमा कमरे से भारी मात्रा में अभ्यर्थियों के कई दस्तावेज, अभ्यर्थियों से लिये गये कुल-8 लाख 78 हजार रूपये नगद, हार्डडिस्क, 07 लैपटॉप, 04 सीएपीएयू, 08 मदरबोर्ड, 05 वाई-फाई राउटर, एपल आईपॉड, विभिन्न बैंकों के 08 ए.टी.एम./डेबिट कार्ड एवं अन्य सामग्रियाँ भी बरामद हुई।
परीक्षाओं पास कराने के नाम पर उगाही
गहन पूछ-ताछ में इन्होंने खुलासा किया कि ये कमरा अश्विनी सौरभ के द्वारा किराये पर लिया गया है। ये लम्बे समय से नौकरी लगाने/परीक्षा पास कराने के फर्जीवाड़े में लिप्त रहे हैं तथा रेलवे, एसएएस0सी0, एम0भी०आई0, टी0सीएएस0, गार्ड आदि में नौकरी लगाने के नाम पर अभ्यर्थियों से विभिन्न माध्यमों द्वारा सम्पर्क करते हैं। पूर्व में भी बुद्धाकॉलोनी थाना काण्ड संख्या-206/20 दिनांक-08.08.20 में इनके ही गिरोह के अन्य सहयोगी जेल गये थें। ये बिहार के विभिन्न जिलों एवं अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों से विभिन्न प्रकार के परीक्षाओं में पास कराने के नाम पर एडभांस के रूप में एक से दो लाख रूपये लेते हैं एवं पास हो जाने पर बकाया राशि भुगतान तय करते हैं।