बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के नतीजों ने राज्य की राजनीतिक धारा को एक बार फिर पूरी मजबूती से मोड़ दिया है। NDA ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में शानदार वापसी की है और इसकी गूंज सिर्फ पटना तक सीमित नहीं रही, बल्कि दिल्ली से लेकर कोलकाता तक महसूस की जा रही है। नतीजे ऐसे समय में आए हैं जब विपक्ष लगातार NDA पर सवाल उठा रहा था, लेकिन चुनावी जनादेश ने हर राजनीतिक समीकरण को पलटकर रख दिया। जीत के बाद NDA नेताओं के बयान एक समान संदेश दे रहे हैं—बिहार की जनता ने विकास, स्थिरता और सुशासन को वोट दिया है।
जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी पर जनता के भरोसे का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि बिहार के मतदाताओं ने जाति और धर्म के पार जाकर NDA को वोट दिया और महिलाओं व युवाओं का उत्साहपूर्ण समर्थन इस जनादेश को ऐतिहासिक बनाता है। चौधरी ने भविष्य की राजनीति पर संकेत देते हुए बंगाल और असम में भी NDA के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई।
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने जीत को विपक्ष की विफल रणनीति का परिणाम बताते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जनता उन नेताओं को स्वीकार नहीं करती जो राष्ट्रहित पर गंभीर नहीं होते। जायसवाल के अनुसार, विपक्ष के डूबते जहाज़ में राहुल गांधी एक प्रमुख कारण रहे।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इसे नीतीश कुमार के नेतृत्व की जीत करार दिया और LJP(रामविलास) व JDU के बीच मतभेद की खबरों को विपक्ष की ‘अफवाह-राजनीति’ बताया। पासवान का कहना था कि यह जनादेश NDA के भीतर पारदर्शी सहयोग और ईमानदार समर्थन का नतीजा है।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “हम पलायन की समस्या को समझते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने निवेशकों को आमंत्रित किया है ताकि बिहार में युवाओं को रोजगार मिल सके और उन्हें बाहर ना जाना पड़े। इतना बड़ा जनादेश मिला है और प्रधानमंत्री मोदी-नीतीश कुमार ने इसे जिम्मेदारी के रूप में लिया है। बिहार के लिए अच्छे दिन आए हैं और बिहार का भविष्य उज्जवल है। आने वाले 5 सालों में बिहार की दिशा और दशा दोनों बदल जाएगी।
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HAM (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने जनादेश को NDA की संयुक्त मेहनत और विकास आधारित राजनीति का परिणाम बताया। उन्होंने महागठबंधन पर झूठे प्रचार करने का आरोप लगाया और दावा किया कि नीतीश कुमार की स्वीकार्य छवि ही NDA की सबसे बड़ी शक्ति है। सुमन ने बंगाल में भी ‘जंगलराज खत्म होने’ की भविष्यवाणी की।
पटना के बांकीपुर से विजयी भाजपा नेता नितिन नबीन ने जनता को इस जीत का असली नायक बताते हुए कहा कि बिहार ने साफ कर दिया है कि चुनाव समीकरणों से नहीं, बल्कि काम और विकास से जीते जाते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर जनता को भ्रमित करने का आरोप भी लगाया।
जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा कि NDA अगले पाँच वर्षों में अपने घोषणापत्र के हर वादे पर खरा उतरेगा और बिहार को शीर्ष दस राज्यों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य अब तेज गति से आगे बढ़ेगा। उन्होंने इसे बिहार के “पुनर्स्थापित गौरव” का क्षण बताया।
बिहार जेडीयू अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि यह जनादेश बताता है कि जनता सुशासन चाहती है और विपक्ष को स्थायी रूप से घर बैठा दिया गया है। उन्होंने नीतीश कुमार के 20 साल के काम को इस जीत की नींव बताया।
LJP-रामविलास सांसद शांभवी चौधरी ने इसे 20 साल पुराने ‘जंगलराज के खात्मे’ वाले निर्णय की पुनरावृत्ति कहा। उनके अनुसार महिलाएं और युवा NDA के साथ मजबूती से खड़े रहे और महागठबंधन का युवाओं को गुमराह करने का प्रयास विफल रहा।
फुलवारी से विजयी JDU उम्मीदवार श्याम रजक ने ‘पांचों पांडव’ यानी NDA के सहयोगियों की एकजुटता को इस सफल परिणाम का आधार बताया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई खाली जगह नहीं है—नीतीश कुमार ने काम के दम पर जनता का विश्वास जीता है और नेतृत्व उन्हीं के हाथों में रहेगा।






















