बिहार में सत्ता परिवर्तन (Bihar New Cabinet) के बाद सोमवार का दिन प्रशासनिक पुनर्गठन और नई ऊर्जा का प्रतीक बन गया, जब राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार, परिवहन, ग्रामीण विकास, पथ निर्माण, निषेध एवं मद्यनिषेध, पशु एवं मत्स्य संसाधन तथा श्रम संसाधन विभाग के मंत्रियों ने एक-एक कर पदभार ग्रहण किया। सबसे पहले राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय सिन्हा ने कार्यभार संभालते हुए विभाग को पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित करने का वादा किया। उन्होंने भूमि माफिया, बालू-शराब नेटवर्क और सफेदपोश अपराधियों पर कठोर कार्रवाई का संकेत देते हुए कहा कि अब राजस्व व्यवस्था भ्रष्टाचार से मुक्त और डिजिटल निगरानी के दायरे में होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राजस्व विभाग की चुनौतियों से वह भलीभांति परिचित हैं और उपमुख्यमंत्री होने के नाते उनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
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इधर, वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने परिवहन और ग्रामीण कार्य विभाग का पदभार ग्रहण करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भरोसा ही उनकी सबसे बड़ी ऊर्जा है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आज ही अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक होगी, ताकि दोनों विभागों की प्राथमिकताओं और अधूरे प्रोजेक्ट्स की पहचान कर तेज गति से काम शुरू किया जा सके। ग्रामीण विकास में कौन-कौन सी नई योजनाएं आएँगी, इसका विस्तृत रोडमैप वह जल्द ही सार्वजनिक करेंगे।
पथ निर्माण विभाग की कमान संभालने के बाद मंत्री नितिन नवीन ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सड़क नेटवर्क ही राज्य के आर्थिक व औद्योगिक विकास की आधारशिला है। उन्होंने एक्सप्रेसवे, रिंग रोड, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, पर्यटन मार्ग और ग्रामीण सड़कों के विस्तार को अगले पांच वर्षों की प्राथमिकताओं में शामिल किया। उन्होंने दावा किया कि विभाग डिजिटल मॉनिटरिंग, उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक और सख्त पारदर्शिता के साथ तेज रफ्तार विकास की नई कहानी लिखेगा। पथ निर्माण की गुणवत्ता और समयबद्धता को लेकर उनका रुख स्पष्ट रूप से बेहद सख्त दिखाई दिया।

निषेध विभाग के नए मंत्री विजेंद्र यादव ने भी पदभार ग्रहण कर साफ कर दिया कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह लागू रहेगा और इसके क्रियान्वयन में जो खामियां हैं, उनका परीक्षण कर सुधार किए जाएंगे। यह बयान कहीं न कहीं शराबबंदी को लेकर जारी बहस और सवालों के बीच सरकार की स्थिति को स्पष्ट करता है।
पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री सुरेंद्र मेहता ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पशुपालन और मत्स्य संसाधन से मजबूत बनाना है। उन्होंने विभाग के सभी कामों की तुरंत समीक्षा करने और योजनाओं के समय पर क्रियान्वयन का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि पशुपालकों की आय बढ़ाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

इसी क्रम में श्रम संसाधन मंत्री संजय टाइगर ने पदभार संभालते हुए बताया कि प्रवासी मजदूरों और श्रमिकों के लिए पहले से चल रही योजनाओं की समीक्षा होगी और जरूरत पड़ने पर नई योजनाएँ भी लागू की जाएंगी। उन्होंने संकेत दिया कि श्रम विभाग आने वाले दिनों में पूरे सिस्टम को और अधिक सुगम, पारदर्शी और श्रमिक-केंद्रित बनाने पर ध्यान देगा।






















