Bihar Urban Development: बिहार में शहरी विकास को लेकर नई और ऐतिहासिक पहल शुरू हो चुकी है। नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन ने ऐलान किया है कि राज्य सरकार बिहार को राष्ट्रीय शहरी मानकों के स्तर तक लाने की दिशा में तेज़ी से काम कर रही है। राजधानी पटना के पाटलिपुत्र और कंकड़बाग की तर्ज पर अब 40 साल बाद पहली बार बिहार में 11 नए Satellite Townships विकसित किए जाएंगे। इसमें नौ प्रमंडलीय शहरों के साथ सोनपुर और सीतामढ़ी (सीतापुरम) को भी शामिल किया गया है। मंत्री ने कहा कि तेजी से बढ़ती जनसंख्या, अव्यवस्थित विस्तार और बुनियादी सुविधाओं के दबाव को देखते हुए यह निर्णय समय की मांग है।
पटना स्थित विभागीय मुख्यालय में आयोजित विस्तृत समीक्षा बैठक में योजना की कार्ययोजना और क्रियान्वयन मॉडल पर चर्चा की गई। मंत्री ने मुख्यमंत्री के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इस परियोजना को मंजूरी मिलना बिहार के भविष्य की दिशा तय करेगा। उन्होंने साफ कहा कि आने वाले वर्षों में बिहार का विकास ग्रामीण से शहरी संक्रमण के मॉडल पर आधारित होगा, और यह Satellite Township नीति उसी विज़न का हिस्सा है।
नितिन नवीन ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या वितरण को संतुलित करना, अत्यधिक भीड़ वाले शहरों पर बोझ कम करना और नागरिकों को बेहतर संरचना वाली आधुनिक, पर्यावरण-सम्मत, स्मार्ट और सुविधाजनक शहरी जिंदगी उपलब्ध कराना है। नए टाउनशिप में ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, स्मार्ट ड्रेनेज, Scientific Waste Management, हरे-भरे पार्क, चौड़ी सड़के, आवासीय सेक्टर, कमर्शियल हब और सार्वजनिक सेवाओं का स्मार्ट नेटवर्क विकसित किया जाएगा।
सरकारी योजना के अनुसार, इस परियोजना को Greenfield Township मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए हर जिले में विशेष प्रशासकीय समिति बनेगी जिसमें भूमि अधिग्रहण अधिकारी, शहरी योजनाकार और राजस्व विभाग के पदाधिकारी शामिल रहेंगे। भूमि मालिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए Land Pooling Policy लागू की जाएगी, जिसमें भूमि स्वामियों को अधिग्रहण के बदले विकसित जमीन का हिस्सा वापस मिलेगा। यह एक ऐसा मॉडल है जिसमें सरकार और भूमि स्वामी दोनों विकास के साझेदार बनेंगे।





















