Bihar New Voter List 2025: बिहार में चुनाव आयोग आज शुक्रवार को वोटर लिस्ट का नया ड्राफ्ट जारी कर रहा है। यह सूची हाल ही में संपन्न हुए घर-घर मतदाता सत्यापन अभियान (SIR) के आधार पर तैयार की गई है। इस बार सूची में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में मतदाताओं की संख्या घटकर 7.24 करोड़ रह गई है, जबकि पहले यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था। यानी करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।
वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों में मृतक मतदाता, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके लोग और डुप्लिकेट प्रविष्टियां शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 22 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, 36 लाख मतदाता अन्य जगह स्थानांतरित पाए गए, जबकि करीब 7 लाख लोग नए स्थान पर स्थायी निवासी बन चुके हैं। यह पहली बार है जब वोटर लिस्ट को इस तरह गहन स्तर पर अपडेट किया गया है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि नई सूची जारी होने के बाद मतदाता यदि अपने नाम, पते या अन्य जानकारी में कोई त्रुटि पाते हैं, तो उनके पास सुधार का मौका रहेगा। इसके लिए 2 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे। ये कैंप सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालयों, नगर निकाय कार्यालयों, नगर परिषद और नगर निगम कार्यालयों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संचालित होंगे। खास बात यह है कि रविवार को भी ये कैंप खुले रहेंगे ताकि अधिक से अधिक लोग अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकें।
विशेष रूप से दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए बीएलओ को निर्देश दिया गया है कि वे घर जाकर आवेदन स्वीकार करें, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिन पहले वोटर लिस्ट रिवीजन को मंजूरी दी थी। अदालत ने इसे चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी बताया था, हालांकि जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने रिवीजन के समय पर सवाल भी उठाए थे। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया था कि SIR के दौरान आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड को पहचान पत्र के रूप में मान्यता दी जाए और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो। अदालत ने यह भी कहा कि यदि प्रक्रिया में कोई गंभीर खामी पाई जाती है तो SIR को रद्द किया जा सकता है।
SIR (Special Intensive Revision) अभियान 24 जून 2025 को शुरू किया गया था और 25 जुलाई तक चलाया गया। इसमें 99.8% कवरेज हासिल हुई और कुल 7.24 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य फर्जी, दोहराए गए और स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाना और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना था।
अब जब नई वोटर लिस्ट जारी हो रही है, तो बिहार में मतदाताओं को अपने नाम की जांच करने और आवश्यक सुधार के लिए विशेष कैंप में आवेदन करने का अवसर मिलेगा। यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि आगामी चुनावों को अधिक निष्पक्ष और सुचारू बनाने में मदद करेगी।