बक्सर जिले के ताज हाईस्कूल मैदान में शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने चुनावी मंच से बड़ा राजनीतिक और आर्थिक वादा किया। उन्होंने कहा कि अगर एनडीए सरकार फिर से सत्ता में आती है, तो अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार दिए जाएंगे। यह घोषणा बिहार की राजनीति में नया विमर्श जोड़ने वाली मानी जा रही है, खासकर ऐसे समय में जब राज्य में बेरोजगारी एक प्रमुख मुद्दा बनी हुई है।
नीतीश कुमार ने सभा में अपने पुराने राजनीतिक फैसलों को लेकर भी आत्ममंथन किया। उन्होंने कहा कि “भूलवश कुछ महीने के लिए राजद को साथ लिया था, लेकिन जब गड़बड़ी करने लगे तो अलग होना पड़ा। अब न कोई भ्रम रहेगा, न गठबंधन में उलझन।” इस बयान से उन्होंने न केवल अपने राजनीतिक स्टैंड को स्पष्ट किया, बल्कि एनडीए में स्थिरता का संदेश भी देने की कोशिश की।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से 2.58 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और राज्य के सभी 27 जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि “अब हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर हर महीने औसतन 11,500 मरीजों का इलाज हो रहा है,” जिससे यह साबित होता है कि बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार हुआ है।
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महिलाओं को लेकर भी नीतीश कुमार ने अपने ‘सशक्त बिहार’ मॉडल की बात की। उन्होंने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 50% आरक्षण, जीविका दीदियों के लिए स्वयं सहायता समूहों का विस्तार और मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत 10,000 रुपये की सहायता जैसी योजनाओं से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि हर घर की एक महिला को रोजगार मिले — यही असली सशक्तिकरण है।”
सामाजिक सुरक्षा के मोर्चे पर मुख्यमंत्री ने बताया कि पेंशन राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। साथ ही, हर घर को 125 यूनिट मुफ्त बिजली दी जा रही है। उन्होंने कहा कि गरीब, पिछड़े और किसान वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार लगातार योजनाओं का विस्तार कर रही है।
सभा में नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के सहयोग की सराहना की और कहा कि “बिहार के विकास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका अहम रही है।” उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि “विपक्ष सिर्फ परिवारवाद की राजनीति में सिमट गया है, जबकि एनडीए का लक्ष्य सबका विकास है।” उन्होंने याद दिलाया कि “2005 के पहले बिहार ‘जंगलराज’ के दौर में था, लेकिन अब कानून का राज स्थापित है।”
कार्यक्रम में उपेंद्र कुशवाहा, संजय झा, और राहुल सिंह समेत एनडीए के तमाम प्रमुख नेता मौजूद रहे। मंच से उपेंद्र कुशवाहा ने शाहाबाद के 22 एनडीए प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया, जबकि संजय झा ने कहा कि “एनडीए में मुख्यमंत्री को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए — नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे।”






















