बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar Cabinet Meeting 2025) ने आज राजधानी पटना में कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसे राज्य में राजनीतिक हलचल के बीच विशेष महत्व दिया जा रहा है। हालांकि यह बैठक नीतीश सरकार की आखिरी कैबिनेट बैठक हो सकती है या नहीं, इसका निर्णय सरकार के हाथ में है। मंत्री अशोक चौधरी ने स्पष्ट किया कि बैठक का अंतिम एजेंडा सरकार तय करेगी और किसी भी प्रस्तावित घोषणा का निर्णय प्रशासनिक प्रक्रियाओं के अनुसार होगा।
बैठक के ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व के बीच अशोक चौधरी ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की योजनाओं को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 10-10 हज़ार रुपये के सीधे ट्रांसफर और महिला रोजगार योजना चुनावी तुक्केबाज़ी नहीं हैं, बल्कि यह महिलाओं को दीर्घकालिक रूप से स्वावलंबी बनाने की पहल है। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य राज्यों ने छोटे पैमाने पर अनुदान दिए, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को मजबूत आर्थिक आधार देने का फैसला किया है।
विपक्ष द्वारा वित्तीय वितरण को लेकर फैलाए जा रहे भ्रमों पर चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पैसा सीधे महिलाओं के खातों में भेजा है और इस पर किसी प्रकार का राजनीतिक फायदा नहीं लिया जा रहा। उन्होंने अपने बयान में कहा कि प्रशासन इन मामलों को औपचारिक रूप से सुलझा रहा है और सभी कमियां निराकरण की जा रही हैं।
अपने ऊपर लगे संपत्ति और राजनीतिक आरोपों का जवाब देते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि यह आरोप-प्रत्यारोप केवल राजनीति का हिस्सा हैं और किसी की साख को केवल बेतुके दावों से नहीं मापा जा सकता। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उनकी घोषित संपत्ति से संबंधित कोई भी प्रमाण सामने आए तो वे उसका जवाब देने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी के प्रयास से उनकी राजनीतिक हत्या नहीं की जा सकती और वे जनता की अदालत में अपने कार्यों और जन समर्थन के माध्यम से न्याय प्राप्त करेंगे।
अशोक चौधरी ने यह भी कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही जनता को भरोसा है और आगामी चुनावों में वे या तो स्वयं चुनाव लड़ेंगे या सुनिश्चित करेंगे कि उम्मीदवार उनके नेतृत्व और जन विश्वास का प्रतिनिधित्व करें।






















