बिहार के लिए गुरुवार का दिन बेहद अहम रहा। एनडीए को चुनाव में मिली बंपर जीत के बाद राजधानी पटना में शपथ ग्रहण (Bihar Shapath Grahan) का आयोजन हुआ। नीतीश कुमार ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पटना के गांधी मैदान में हुआ यह शपथ ग्रहण समारोह राजनीतिक रूप से खास रहा, क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। राज्यपाल ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई और एनडीए के अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
गांधी मैदान में मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साथ मौजूदगी ने बिहार के गठबंधन की मजबूती और नई राजनीतिक समझदारी का संदेश दिया। दोनों नेताओं के बीच हुई सहज बातचीत, मुस्कुराहटें और सार्वजनिक गर्मजोशी ने यह साफ कर दिया कि चुनावी जीत के बाद एनडीए अब संयुक्त रूप से शासन की दिशा तय करने जा रहा है। शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का हाथ पकड़कर जनता का अभिवादन भी किया और झुक कर पीएम का भी अभिवादन किया।
शपथ ग्रहण के ठीक बाद वह पल और भी ज्यादा चर्चा का विषय बन गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना एयरपोर्ट के लिए रवाना हो रहे थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं उन्हें विदा करने पहुंचे। इस दौरान नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के चरण स्पर्श करने के लिए झुके, लेकिन मोदी ने स्नेहपूर्वक उन्हें रोककर सम्मान और बराबरी के राजनीतिक संदेश को फिर दोहराया।
दिलचस्प बात यह है कि ऐसा दृश्य पहली बार नहीं दिखा। दिल्ली में हुई एनडीए संसदीय दल की बैठक के दौरान भी नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को चरण स्पर्श करने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय भी प्रधानमंत्री ने उन्हें रोक दिया था। इतना ही नहीं, 13 नवंबर 2024 को दरभंगा में हुए एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भी ऐसा ही क्षण सामने आया, जहाँ प्रधानमंत्री ने हाथ पकड़कर नीतीश कुमार को ऐसा करने से विराम दिया था। नीतीश कुमार के पैर छूने पर विपक्ष ने कई बार निशाना भी साधा है।






















