राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के सुप्रीमो पशुपति कुमार पारस (Pashupati Paras) ने राजद द्वारा पेश किए गए तीन सीटों के ऑफर को अस्वीकार कर दिया है। पारस की मांग कम से कम पांच सीटों की रही, जबकि राजद की पेशकश में अलौली विधानसभा सीट भी शामिल नहीं थी। इसका मतलब साफ है कि पशुपति पारस महागठबंधन की शरण से बाहर हो सकते हैं। हालांकि, अंतिम दौर की वार्ता और मान-मनोव्वल अभी जारी है और शाम 7 बजे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर महागठबंधन की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लग सकती है।
NDA में सीट शेयरिंग पर अंतिम मुहर.. सभी नेता पटना में, भाजपा की बड़ी बैठक
बता दें कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है। इसमें राजद को 130 से 135 सीटें, कांग्रेस को 55 से 58 सीटें, वीआईपी को 14 से 18 सीटें और लेफ्ट को 30 से 32 सीटें दी जाने की संभावना है। वहीं, जेएमएम को 3 सीटें और पशुपति पारस को 2 सीटें राजद के खाते से दी जाने की संभावना जताई जा रही है।
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने सीटों की संख्या कम करने की बात मान ली है, लेकिन उपमुख्यमंत्री पद के दावे पर अभी भी अड़े हुए हैं। इस सियासी खींचतान के बीच, यह तय करना चुनौतीपूर्ण है कि पशुपति पारस महागठबंधन के साथ बने रहेंगे या स्वतंत्र विकल्प की ओर बढ़ेंगे।






















