बिहार पुलिस व्यवस्था में एक नई ऊर्जा का संचार करते हुए राज्य सरकार ने तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इस प्रशासनिक फेरबदल में सबसे अहम नाम 1994 बैच के अनुभवी और तेजतर्रार अधिकारी कुंदन कृष्णन का है, जिन्हें न केवल एडीजी (मुख्यालय) के रूप में नियुक्त किया गया है, बल्कि पटना जिले की पुलिसिंग व्यवस्था की सीधी निगरानी का भी कार्यभार सौंपा गया है।
पटना की पुलिसिंग अब कुंदन कृष्णन की निगरानी में
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से हाल ही में बिहार लौटे कुंदन कृष्णन को पुलिस मुख्यालय में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) के पद पर तैनात किया गया है। इसके साथ ही, डीजीपी विनय कुमार की एक नई पहल के तहत उन्हें पटना जिले का प्रभारी भी बनाया गया है। इस योजना का उद्देश्य जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों की सीधी भागीदारी सुनिश्चित कर पुलिस प्रशासन को ज्यादा उत्तरदायी और पारदर्शी बनाना है।
कृष्णन अब हर महीने पटना का नियमित दौरा करेंगे और 19 तय बिंदुओं पर पुलिस की कार्यप्रणाली की समीक्षा करेंगे। इनमें केसों का त्वरित निपटारा, जांच की गुणवत्ता, थाना निरीक्षण और जनता दरबार की क्रियाशीलता जैसे पहलू शामिल हैं। समीक्षा के उपरांत वे अपनी विस्तृत रिपोर्ट डीजीपी को सौंपेंगे।
इस नई व्यवस्था के अंतर्गत कुंदन कृष्णन पटना में डीएसपी से लेकर एसएसपी स्तर तक के अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा करेंगे। इसका उद्देश्य जिले की कानून-व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाना है। यह प्रणाली पुलिस प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाने की दिशा में एक निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है।
अन्य दो आईपीएस अधिकारियों को भी नई भूमिकाएं
इसके साथ ही, 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी पंकज दाराद को एडीजी (विधि-व्यवस्था) नियुक्त किया गया है। उन्हें राज्य में केंद्रीय बलों के समन्वय की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई है। वहीं एडीजी कमल किशोर सिंह को पुलिस विभाग के बजट प्रबंधन का जिम्मा सौंपा गया है।