आज के डिजिटल दौर में जहां तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं साइबर अपराधियों ने इसे ठगी और जालसाजी का सबसे आसान जरिया बना लिया है। आए दिन लोग फर्जी कॉल, ऑनलाइन स्कैम, डिजिटल अरेस्ट और ठगी का शिकार हो रहे हैं। इन्हीं बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने और जनता को जागरूक करने के लिए बिहार पुलिस ने बड़ा साइबर अवेयरनेस कैंपेन शुरू किया है। खास बात यह है कि इस मुहिम को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी अपना समर्थन दिया है और लोगों से “बी-अलर्ट” रहने की अपील की है।
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बिहार पुलिस की ‘सावधान मिशन’ मुहिम, साइबर क्राइम पर कसी जा रही नकेल
बिहार पुलिस शॉर्ट फिल्म, वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लोगों को समझाने में जुटी है कि कैसे साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों को फंसा कर उनकी मेहनत की कमाई लूट रहे हैं। पुलिस का कहना है कि यदि लोग अवेयर रहेंगे, तो साइबर अपराध से बचे रहेंगे।
राज्य के पटना, शेखपुरा, नालंदा, नवादा और जमुई जिलों को साइबर अपराध के हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है। इन इलाकों में ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) में विशेष साइबर सेल तैयार किया गया है, जहां आईजी, डीआईजी, एसपी, डीएसपी और अन्य विशेषज्ञ पुलिस अधिकारी साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए काम कर रहे हैं।
बिहार पुलिस ने यह भी घोषणा की है कि जल्द ही राज्य में साइबर कमांडो तैयार किए जाएंगे। इसके लिए आईटी और तकनीकी क्षेत्र में डिग्री रखने वाले 176 पुलिस अधिकारियों का चयन विशेष परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा।
डिजिटल अरेस्ट: एक नया जाल, जिसमें फंस रहे हैं लोग
हाल ही में “डिजिटल अरेस्ट” नामक एक नया साइबर फ्रॉड चर्चा में आया है, जिसमें अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी, जज या सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते हैं। वे कहते हैं कि “आपके नाम से अवैध लेन-देन हुआ है, अगर तुरंत जुर्माना नहीं भरा, तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।” डर के मारे लोग उनके बताए बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।
बिहार पुलिस ने इसे एक फर्जी चाल करार देते हुए लोगों से अपील की है कि किसी भी ऐसे फोन कॉल या ईमेल पर भरोसा न करें। हाल ही में ‘द वायरल फीवर’ (TVF) की वेब सीरीज ‘फुलेरा के साइबर क्राइम’ के दूसरे भाग के जरिए पुलिस ने यह समझाने की कोशिश की कि कोई भी पुलिस अधिकारी या जज फोन पर पैसे मांगकर धमकी नहीं देता।
दोगुना पैसा कमाने के झांसे में न आएं, सब ठगी है!
साइबर ठग अक्सर लोगों को “इन्वेस्टमेंट स्कीम”, “दोगुना-तीनगुना रिटर्न”, “वर्क-फ्रॉम-होम जॉब ऑफर” जैसी चीजों का लालच देकर ठग लेते हैं। बिहार पुलिस का सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर लगातार ऐसे ग्रुप्स पर नजर रख रहा है, ताकि लोगों को साइबर ठगी से बचाया जा सके।
बिहार पुलिस का डिजिटल प्रभाव: 16 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स
बिहार पुलिस की सोशल मीडिया पर लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। हाल ही में फेसबुक पर पुलिस के 9 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हो गए हैं, जबकि इंस्टाग्राम और एक्स (Twitter) मिलाकर यह संख्या 16 लाख से ज्यादा हो चुकी है।
सोशल मीडिया सेंटर 24×7 साइबर अपराधियों पर नजर रखता है। कोई अफवाह फैलाने, भ्रामक पोस्ट डालने, हथियारों का प्रदर्शन करने या फर्जी अकाउंट बनाने की कोशिश करता है, तो तुरंत कार्रवाई की जाती है।
कैसे बचें साइबर फ्रॉड से?
- अज्ञात नंबर से आए लुभावने कॉल्स पर भरोसा न करें।
- किसी भी अनजान लिंक या ऐप को डाउनलोड न करें।
- सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
- किसी इन्वेस्टमेंट स्कीम में बिना जांच-पड़ताल के पैसे न लगाएं।
- फेसबुक या वॉट्सएप पर मिले संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
- अगर कोई साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाए, तो तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
क्या कह रहे हैं बिग-बी?
अमिताभ बच्चन ने भी बिहार पुलिस की इस मुहिम को सराहा और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि “आज के डिजिटल युग में सतर्कता ही सुरक्षा है। छोटी सी लापरवाही भी भारी नुकसान पहुंचा सकती है।”