बिहार की राजनीति में आज का दिन हलचल भरा रहने की संभावना है। क्योंकि कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की अगुवाई में पटना में शक्ति प्रदर्शन की तैयारी जोरों पर है। इस प्रदर्शन का मकसद राज्य में बेरोजगारी और युवाओं के पलायन के खिलाफ आवाज उठाना है। लेकिन इस आंदोलन का एक और दिलचस्प पहलू यह है कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट भी पटना पहुंच चुके हैं, जिससे इस विरोध प्रदर्शन को और भी मजबूती मिलने की उम्मीद है।
पलायन और बेरोजगारी के खिलाफ बिगुल!
कन्हैया कुमार की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा आज अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच रही है। यह यात्रा 16 मार्च 2025 को भितिहरवा गांधी आश्रम, पश्चिम चंपारण से शुरू हुई थी और पूरे बिहार में घूमते हुए आज पटना में समापन कर रही है। 27 दिनों की इस लंबी पदयात्रा का मकसद युवाओं को रोजगार दिलाने और बिहार से हो रहे पलायन को रोकने का संकल्प लेना था।
विरोध प्रदर्शन में 5 हजार कार्यकर्ताओं की हुंकार
कन्हैया कुमार ने दावा किया है कि इस विरोध प्रदर्शन में राज्यभर से 5 हजार से अधिक कार्यकर्ता जुटेंगे। उनकी योजना है कि वे मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे और बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेंगे। हालांकि, कल की पदयात्रा में एक चौंकाने वाला घटनाक्रम देखने को मिला। पटना साहिब से गुरु का बाग कमेटी हॉल तक निकली यात्रा में कन्हैया कुमार नजर ही नहीं आए! उनके समर्थक और कार्यकर्ता उनका इंतजार करते रहे, लेकिन वे पदयात्रा में शामिल नहीं हुए।
बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर कन्हैया के वार
पटना में प्रेस वार्ता के दौरान कन्हैया कुमार ने सरकार पर तीखे हमले बोले। उन्होंने दावा किया कि बिहार से पलायन बढ़ा है, युवा रोजी-रोटी के लिए मजबूर होकर दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं। राज्य में शिक्षकों के 2 लाख से अधिक पद रिक्त हैं, लेकिन सरकार उन्हें भरने के लिए गंभीर नहीं है। महंगाई, भ्रष्टाचार और अपराध चरम पर हैं, जिससे जनता त्रस्त है।
सियासी घमासान तय!
बिहार कांग्रेस के इस आंदोलन को लेकर सियासी तापमान बढ़ चुका है। सचिन पायलट की मौजूदगी से यह सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस बिहार में खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है? क्या यह प्रदर्शन केवल 2025 विधानसभा चुनाव की भूमिका तैयार करने के लिए किया जा रहा है, या सच में युवाओं की आवाज को बुलंद करने का प्रयास है?