Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव के बाद बनी नई सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। भारतीय जनता पार्टी इस बार राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जिसके बाद से ही सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है कि सरकार में उसकी पकड़ पहले से अधिक मजबूत होगी। इन अटकलों को तब और बल मिला जब पिछले दो दशकों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास रहने वाला गृह विभाग पहली बार बीजेपी के खाते में चला गया और डिप्टी सीएम को राज्य का नया गृह मंत्री बनाया गया। विपक्ष ने इसे आधार बनाकर आरोप लगाया कि बीजेपी धीरे-धीरे नीतीश कुमार को सीएम पद से हटाने की तैयारी कर रही है।
इसी आरोप-प्रत्यारोप के बीच मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड की ओर से पहली बार खुलकर जवाब दिया गया। जेडीयू के वरिष्ठ नेता और सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विभागों के वितरण को लेकर बनाए जा रहे भ्रम को जानबूझकर हवा दी जा रही है।
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विजय चौधरी ने कहा कि सिर्फ गृह विभाग पर चर्चा करके पूरे राजनीतिक परिदृश्य को एकतरफा तरीके से दिखाया जा रहा है, जबकि उससे भी ज्यादा बड़ा और प्रभावी विभाग—वित्त एवं वाणिज्य—जेडीयू के पास है। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग किसी भी राज्य की रीढ़ होता है, जहां बजट, राजस्व, आर्थिक नीतियां और विकास योजनाओं का खाका तैयार होता है। इसलिए यह कहना गलत है कि जेडीयू को कमजोर किया गया है या उसकी भूमिका सीमित कर दी गई है।
उन्होंने मीडिया को भी नसीहत दी कि अफवाहों के बजाय उन्हें यह तथ्य भी सामने रखना चाहिए कि जेडीयू को सरकार में ऐसे अहम विभाग दिए गए हैं जो राज्य की आर्थिक दिशा तय करते हैं। विजय चौधरी ने विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि गठबंधन सरकार में विभागों का बंटवारा पूरी तरह संतुलित है और जेडीयू पहले की तरह मजबूत स्थिति में है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार सरकार पूरी एकजुटता के साथ काम कर रही है और विपक्ष केवल भ्रम फैलाने में जुटा है क्योंकि चुनाव में जनता ने उन्हें स्पष्ट रूप से नकार दिया।






















