बिहार में विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद लगातार उठ रहे आरोप-प्रत्यारोपों (Bihar Politics Tension) ने सदन शुरू होने से पहले ही तनावपूर्ण बना दिया है, और अब नेता एक-दूसरे के बयानों पर खुलकर प्रहार कर रहे हैं। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने महागठबंधन की ओर से जनादेश को लेकर लगाए जा रहे ‘काला जादू’ और ‘वोट चोरी’ जैसे आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता के फैसले को इस तरह बदनाम करना लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए बेहद अशुभ संकेत है। उनके अनुसार ‘SIR तो बहाना है, जननायक कर्पूरी ठाकुर के इतिहास को मिटाना है’ जैसे राजनीतिक नारे विरोधियों की हताशा दिखाते हैं। नीरज कुमार ने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि यदि वे जनादेश को स्वीकार नहीं करेंगे तो जनता और सदन दोनों का समय बर्बाद होगा, जबकि जनता ने फर्जी दावों और बयानों को इस बार सिरे से खारिज कर दिया है।
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उधर, राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन को उसकी संख्या शक्ति के आधार पर सीधे चुनौती दी। विधानसभा सत्र से पहले हुई महागठबंधन की बैठक पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास इतनी ताकत भी नहीं कि यदि NDA के सभी विधायक एक साथ खड़े हो जाएं तो वे उन्हें घेर सकें। कुशवाहा ने महागठबंधन की रणनीति को “हास्यास्पद” बताया और कहा कि इस तरह की बैठकों का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं रह जाता।

इसी बीच, राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने पूरी तरह विपरीत दावा करते हुए आरोप लगाया कि चुनाव इतिहास की सबसे बड़ी धांधली के साथ कराए गए। उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर एक ही राय सभी पार्टियों की बनी कि महाधांधली की गई, ऐसी धांधली भूतकाल में कभी किसी चुनाव में नहीं की गई। सरकारी कर्मचारियों, सहयोगी कर्मचारियों को पैसा बांटने के लिए धांधली की गई। पहले ही महिलाओं को 10 हजार की घूस दी गई। पैसे के जरिए चुनाव होगा इसके संकेत NDA ने पहले ही दे दिए थे। चुनाव के समय ही जीविका दीदी योजना के नाम पर गांवों में महिलाओं को पैसे बांटे गए हैं। कुल मिलाकर चुनाव के दौरान कदाचार हुआ है। जनता में (NDA की)जीत की कोई खुशी नहीं है।






















