प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषण में विपक्ष पर ‘कट्टा’, ‘दोनाली’ और ‘रंगदारी’ जैसी तीखी टिप्पणी ने बिहार की सियासी हवा को गरमा दिया है। इस बयान के बाद कांग्रेस और राजद के कई नेताओं ने पलटवार करते हुए न केवल भाषा की मर्यादा पर सवाल उठाए बल्कि चुनावी प्रक्रिया और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर आरोप भी लगाए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा कि क्या किसी लोकतांत्रिक प्रधानमंत्री के लिए ‘कट्टा’ जैसे शब्द शोभा देते हैं और इस तरह की भाषा से बिहार को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार में कई मंत्रियों ने घर खाली करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं और फाइलें भी गायब की जा रही हैं। हाल फिलहाल अगर किसी सरकारी भवन में आग लग जाए तो समझ जाइएगा कि भ्रष्टाचार के सबूत मिटाए जा रहे हैं।
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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा न कहा, “CCTV पर सवाल उठ रहे हैं, VVPAT की पर्चियां कूड़ेदान में मिल रही है। चुनाव आयोग को इन सवालों के जवाब देने हैं। राहुल गांधी पिछले कई महीनों से सवाल उठा रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग सवाल के जवाब नहीं दे रहा है। ये मिली भगत है। बिहार को लोग वोट चोरी नहीं होने देंगे। बिहार इनको रंगे हाथों पकड़ेगा भी और सजा भी देगा।” हम हर दिन ‘वोट चोरी’ पर सवाल उठा रहे हैं। यहां VVPAT की पर्चियां कूड़े में मिल रही हैं और चुनाव आयोग जवाब नहीं दे रहा, लेकिन बिहार ‘वोट चोरी’ नहीं होने देगा।
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा, “बिहार में डबल इंजन की बेकार और बीमार सरकार के दोनों इंजन दो दिशाओं में चल रहे हैं। कितनी भी कोशिश कर लें बिहार में बदलाव का आहट है। बिहार में बदलाव की जो शुरूआत पहले चरण में हुई है वे दूसरे चरण में देखने को मिलेगी। इनके तमाम CCTV, स्ट्रांग रूम, पर्ची जो भी सामने आ रहे हैं बिहार की जनता इसका जवाब देगी।”
राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “NDA के नेता मुगालते में है, 14 नवंबर को जब महागठबंधन भारी जीत हासिल करेगा तो शाम की गाड़ी से सभी बिहार छोड़ देंगे। NDA नेता जनता का मूड समझ गए हैं, इसीलिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कट्टा की बात कर रहे हैं। ये कट्टा की भाषा बिहार स्वीकार नहीं करेगा और NDA का भट्टा इसी बिहार में बैठेगा।”






















