Bihar Politics: जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर रविवार को अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत लखीसराय पहुंचे। सूर्यगढ़ा स्थित पब्लिक हाई स्कूल मैदान में आयोजित एक जनसभा में उन्होंने राज्य सरकार और विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और शासन व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दल जनता को बरगलाते आ रहे हैं और अब बदलाव की जरूरत है।
बच्चे का भविष्य देखकर करें मतदान
बता दें कि केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा का पैतृक आवास लखीसराय में है। अब एनडीए के दो बड़े नेताओं के गढ़ से पीके ने सरकार को सीधी चुनौती दी है। सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने लोगों से अपील की कि वे इस बार जाति और धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर वोट दें। उन्होंने कहा, “अब वक्त आ गया है कि नेता के चेहरे नहीं, अपने बच्चे के चेहरे को देखकर वोट करें। नीतीश हों, लालू हों या मोदी—सबने सिर्फ वादे किए, लेकिन बिहार के युवाओं को न शिक्षा मिली और न ही रोजगार।”
50 लाख युवा पलायन को मजबूर
उन्होंने बताया कि आज भी बिहार के 50 लाख से अधिक युवा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गुजरात में 10 से 12 हजार रुपये की मजदूरी करने को मजबूर हैं। “क्या यही सपना देखा था आपने अपने बच्चों के लिए?” उन्होंने पूछा। प्रशांत किशोर ने वादा किया कि जन सुराज अभियान का उद्देश्य युवाओं को बिहार में ही सम्मानजनक रोजगार दिलाना है।
चिराग पासवान को दी सलाह
लोजपा नेता चिराग पासवान के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि “मुझे दुख है कि मैं इस सरकार का हिस्सा हूँ”, प्रशांत किशोर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर सच में दुखी हैं तो एनडीए सरकार से अलग हो जाइए। सत्ता में भी रहना है और आलोचना भी करनी है—जनता अब यह दोहरापन समझ चुकी है।” उन्होंने कहा कि एनडीए के भीतर उठ रही विरोध की आवाजें जनता के दबाव का ही नतीजा हैं।
नीयत बताएगी बदलाव की पहचान
पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव द्वारा पीली टोपी पहनने के सवाल पर हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने कहा, “हर पीली टोपी जन सुराज की नहीं होती। तेज प्रताप जी से पूछिए कि कब वह हरा पहनते हैं, कब पीला। बदलाव की पहचान किसी रंग से नहीं, बल्कि नीयत से होगी।”