Bihar Politics 2025: महागठबंधन के भीतर सीटों को लेकर राजद (RJD) और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) में खींचतान तेज हो गई है। राजद ने पशुपति कुमार पारस को अपनी पार्टी का विलय करने का प्रस्ताव दिया है। पारस अब इस पर गंभीर मंथन में जुटे हैं। उन्होंने आज आपात बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी के भविष्य को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। बैठक में यह तय होगा कि RLJP राजद में विलय करे या आगामी विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरे।
लेकिन शनिवार को बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ जब RLJP के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष और बाहुबली नेता सूरजभान सिंह ने राजद में शामिल होने का फैसला लिया। सूरजभान का RJD में जाना न केवल महागठबंधन की रणनीति को मजबूत करता है, बल्कि पारस के राजनीतिक अस्तित्व के लिए एक बड़ा झटका भी है। अब पारस की सीटों की मांग का आधार कमजोर हो गया है, क्योंकि उनके सबसे मजबूत सहयोगी ने ही लालू परिवार का दामन थाम लिया है।
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बताते चलें कि राजद ने RLJP को महागठबंधन में शामिल तो किया है, लेकिन अब टिकट बंटवारे में पीछे हट रही है। RJD का प्रस्ताव है कि RLJP के 1-2 प्रमुख नेता RJD के सिंबल पर चुनाव लड़ें, जबकि पारस चाहते हैं कि उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें दी जाएं। चर्चा है कि पारस ने राजद से 8 विधानसभा सीटों की मांग की है। इनमें दो सीट बाहुबली नेता सूरजभान सिंह के लिए — लखीसराय और मोकामा — तथा दो सीटें अपने परिवार के लिए — अलौली और राजापाकर — शामिल हैं, जिनसे वे अपने बेटे यशराज पासवान और भतीजे प्रिंस राज पासवान को मैदान में उतारना चाहते हैं।
मगर सूरजभान सिंह की राजद में एंट्री से हालात अब पूरी तरह बदल चुके हैं। पशुपति पारस के सामने अब दो ही रास्ते हैं — या तो वे RJD के प्रस्ताव को स्वीकार कर सीमित भूमिका निभाएं, या फिर गठबंधन से बाहर होकर स्वतंत्र चुनाव लड़ने का जोखिम उठाएं। लेकिन वर्तमान स्थिति में, RLJP के पास न तो मजबूत जनाधार है, न ही संगठनात्मक ढांचा जो उसे बड़े पैमाने पर चुनावी सफलता दिला सके।






















