बिहार की नई कैबिनेट के गठन के बाद शुरू हुआ राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी ताज़ा सरकार में सबसे ज्यादा चर्चा में हैं उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश, जिनके मंत्री बनने पर विपक्ष ने सवालों की पूरी फौज खड़ी कर दी है। अब इस मुद्दे पर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और जनशक्ति जनता दल (JJD) के संस्थापक तेज प्रताप यादव (Tej Pratap) ने भी खुला हमला बोला है, जिससे राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है।
तेज प्रताप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए गहरी चुटकी ली। उन्होंने लिखा कि सासाराम में एक निर्दलीय उम्मीदवार के काउंटिंग एजेंट रहे युवक का बिना चुनाव लड़े मंत्री बन जाना आखिर किस तरह का ‘जादू’ है? तेज प्रताप ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए इसे गठबंधन की ‘पोलिटिकल मैजिक’ करार दिया।

दरअसल, चुनाव आयोग के आधिकारिक दस्तावेज बताते हैं कि दीपक प्रकाश सासाराम सीट से निर्दलीय उम्मीदवार रामनारायण पासवान के काउंटिंग एजेंट थे, जिन्हें पूरे चुनाव में मात्र 327 वोट मिले और उनकी जमानत भी जब्त हो गई। इसी सीट से दीपक की मां स्नेहलता कुशवाहा RLM के टिकट पर जीतकर विधायक बनीं। चुनाव के दौरान मां के जीतने और बेटे के काउंटिंग एजेंट बनने की कहानी पहले ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा बना चुकी थी।
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लेकिन इससे भी बड़ा मुद्दा तब खड़ा हुआ जब सरकार गठन के तुरंत बाद दीपक प्रकाश को मंत्री पद की शपथ दिला दी गई। उनके जींस-शर्ट और क्रॉक्स चप्पल पहनकर शपथ लेने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं और विरोधी दलों ने इस घटना को ‘परिवारवाद की पराकाष्ठा’ बताते हुए जमकर हमला बोला। उधर, RLM प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पर सवालों की बौछार बढ़ती जा रही है। विपक्ष पूछ रहा है कि क्या बिना चुनाव लड़े, अनुभवहीन युवक को सिर्फ ‘परिवार पहचान’ की वजह से मंत्री बनाया गया? कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर अपनी सफाई भी दी, लेकिन विवाद थमने के बजाय और तेज होता जा रहा है।






















