बिहार की राजनीति विधानसभा चुनाव से पहले लगातार गरमा रही है। शनिवार की सुबह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों के साथ सोशल मीडिया पर एक पोस्टर जारी किया। इसमें उन्होंने नीतीश सरकार से 10 बड़े सवाल पूछते हुए जनता से अपील की कि आने वाले चुनाव में अगर कोई वोट मांगने आए तो उनसे यही सवाल जरूर कीजिए। तेजस्वी ने लिखा कि बीते 20 साल की नीतीश-मोदी सरकार और 11 साल की डबल इंजन सरकार ने बिहार की दो पीढ़ियों का भविष्य बर्बाद कर दिया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इन सवालों का एक भी जवाब सरकार के विधायक या मंत्री नहीं दे पाएंगे।
तेजस्वी यादव के सवालों में गरीबी, बेरोजगारी, महिलाओं की सुरक्षा, अपराध, पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग-धंधे जैसी बुनियादी समस्याएं शामिल थीं। इन सवालों ने सुबह से ही बिहार की सियासत में नई बहस छेड़ दी।
लेकिन इन सवालों का जवाब देने में एनडीए ने देर नहीं लगाई। एक घंटे के भीतर ही भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार और जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने वीडियो संदेश जारी कर तेजस्वी के हर सवाल का जवाब दिया। एनडीए नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि बिहार की मौजूदा समस्याओं की जड़ लालू-राबड़ी के जंगल राज में है।
नीरज कुमार और अभिषेक झा ने कहा कि जिस दौर में आरजेडी सत्ता में थी, उस वक्त विकास की बजाय भ्रष्टाचार ने गहरी जड़ें जमाई थीं। अपराध और गुंडागर्दी का बोलबाला था, अस्पतालों में मरीजों की जगह जानवर घूमते थे और शिक्षा बजट परिवार की जेब में समा जाता था। एनडीए के नेताओं का तर्क था कि आज हालात बदल चुके हैं, महिलाएं रात में भी सुरक्षित महसूस करती हैं, स्कूल भवन बन रहे हैं, शिक्षकों की नियुक्तियां हो रही हैं और निवेशक बिहार की ओर लौट रहे हैं।
तेजस्वी यादव के सवाल-जवाब की इस राजनीतिक जंग ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर पुराने ‘जंगल राज बनाम सुशासन’ की बहस को हवा दे दी है। एक तरफ तेजस्वी जनता को सीधे तौर पर नीतीश-मोदी सरकार के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं, तो दूसरी ओर एनडीए विपक्ष को उन्हीं की विरासत से घेरने में जुटा है।





















