बिहार की राजनीति में इन दिनों ‘वोटर अधिकार यात्रा’ और आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बयानबाज़ी का दौर तेज़ हो चुका है। इसी क्रम में राजद नेता तेजस्वी यादव ने केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान पर करारा वार करते हुए उन्हें “व्यक्ति विशेष का हनुमान” बताया। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि चिराग पासवान जनता से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय नहीं हैं और सिर्फ़ सत्ता के इर्द-गिर्द घूमते हैं। उन्होंने आगे व्यंग्य करते हुए कहा कि चिराग पासवान उनके बड़े भाई जैसे हैं और उन्हें जल्द शादी कर लेनी चाहिए।
तेजस्वी यादव के इस बयान पर राहुल गांधी ने भी हल्के-फुल्के अंदाज़ में प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा कि “यह बात मुझ पर भी लागू होती है।” राहुल गांधी की यह टिप्पणी बताती है कि विपक्षी खेमे में राजनीतिक गंभीरता के साथ-साथ हल्की-फुल्की नोकझोंक भी जारी है।
हालाँकि, तेजस्वी यादव ने सिर्फ़ व्यक्तिगत बयान तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की पूरी व्यवस्था भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया में अब भी पारदर्शिता नहीं है और आम मतदाताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। तेजस्वी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री स्तर के नेताओं पर पीएमएलए जैसे कड़े कानून लगाए जाते हैं और उन्हें आसानी से ज़मानत भी नहीं मिल पाती, तो यह साफ़ है कि केंद्र सरकार न्यायिक और संवैधानिक प्रक्रियाओं से छेड़छाड़ कर रही है।
राहुल गांधी ने भी तेजस्वी की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि “आज विपक्षी दलों के बीच अभूतपूर्व एकता है। हम वैचारिक रूप से भी एकजुट हैं और राजनीतिक रूप से भी। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती वोट चोरी को रोकना है।” उन्होंने कहा कि बिहार के लिए विशेष घोषणापत्र तैयार किया जा रहा है, जिसमें किसानों और युवाओं के लिए ठोस योजनाएं शामिल होंगी। राहुल ने खास तौर पर किसानों की ऋणमुक्ति और आर्थिक सुरक्षा का मुद्दा उठाया और कहा कि यही उनके राष्ट्रीय घोषणापत्र का मूल विचार होगा।






















