बिहार विधानसभा में बुधवार 3 दिसंबर को पेश हुआ 91,717 करोड़ रुपए का सेकंड सप्लीमेंट्री बजट (Bihar Supplementary Budget 2025) राज्य की विकास प्राथमिकताओं का नया रोडमैप प्रस्तुत करता है। वित्त मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव द्वारा सदन में रखे गए इस बजट में सामाजिक सुरक्षा, महिला रोजगार, युवाओं के लिए नौकरी, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और किसानों की सुविधाओं को सबसे ऊपर रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान सरकार की अतिरिक्त खर्च योजना राज्य में आर्थिक गतिविधियों को नई रफ्तार देने की तैयारी करती दिख रही है।
बजट दस्तावेज स्पष्ट करते हैं कि वार्षिक योजना मद के लिए 51,253 करोड़ रुपये और वेतन समेत अन्य मदों के लिए 40,463 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इनमें सबसे अधिक नजरें मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना पर हैं, जिसके लिए अकेले 21,000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। यह अब तक राज्य की किसी भी एकल महिला-केंद्रित योजना के लिए किया गया सबसे बड़ा वित्तीय आवंटन है। इस योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए तुरंत 10,000 रुपये और जरूरत के हिसाब से दो लाख रुपये तक सहायता देने की व्यवस्था की गई है। सरकार का दावा है कि 1.56 करोड़ महिलाओं को 10,000 रुपये की पहली किस्त पहले ही भेजी जा चुकी है और शेष लाभार्थियों तक भी राशि पहुंचाने की तैयारी अंतिम चरण में है।
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बजट में सामाजिक सुरक्षा की अन्य योजनाओं को भी पर्याप्त राशि प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के लिए 1,885.65 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे वृद्ध नागरिकों को नियमित आर्थिक सहारा मिलेगा। शिक्षा और युवाओं के लिए घोषित योजनाओं में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को 800 करोड़ रुपये दिए गए हैं ताकि उच्च शिक्षा की राह में आर्थिक बाधाओं को खत्म किया जा सके। वहीं बालिका स्नातक प्रोत्साहन योजना के लिए 750 करोड़ रुपये का आवंटन यह दर्शाता है कि सरकार महिला शिक्षा को लेकर विशेष रूप से प्रतिबद्ध है।
कृषि और जल संसाधन क्षेत्र को भी बजट में विशेष प्राथमिकता मिली है। सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं के लिए 651.83 करोड़ रुपये का प्रावधान राज्य को आपदा प्रबंधन और आधुनिक सिंचाई के क्षेत्र में मजबूत करेगा। वहीं ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के बिजली बिल भुगतान के लिए 594.56 करोड़ रुपये का आवंटन ग्रामीण इलाकों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयासों को गति देगा।
इसके अतिरिक्त ऊर्जा कंपनियों में निवेश के लिए 600.55 करोड़ रुपये, मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल निर्माण के लिए 573 करोड़ रुपये और शहरी भू-अर्जन जैसे विकासात्मक कार्यों के लिए 550 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। पथ निर्माण विभाग को 861.21 करोड़ रुपये की राशि मिलने से सड़कों और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़े बदलाव की उम्मीद जगती है।






















