Bihar SIR Row: बिहार की राजनीति में SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) को लेकर मचे सियासी घमासान में अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा भाजपा के संगठन महामंत्री भीखूभाई दलसानिया के बिहार में मतदाता बनने पर सवाल उठाने के बाद भाजपा ने सीधा पलटवार किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने तेजस्वी के आरोपों को “हार के डर में बेतुकी बयानबाजी” करार दिया और कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को तथ्यों के बिना आरोप लगाने से बचना चाहिए।
दानिश इकबाल ने कहा कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने की जल्दबाजी में बिना ठोस आधार के एक के बाद एक आरोप लगाकर भागते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव नौवीं पास हैं, इसलिए उनसे गहरी जानकारी की उम्मीद तो नहीं की जा सकती, लेकिन संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है।
भाजपा प्रवक्ता ने साफ किया कि भीखूभाई दलसानिया पिछले चार साल से बिहार में प्रवास कर रहे हैं और भारत के किसी भी नागरिक को देश के किसी भी राज्य में अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने का अधिकार है। दानिश इकबाल ने यह भी बताया कि दलसानिया ने बाकायदा 6 मार्च 2024 को फॉर्म 8 भरकर गुजरात की मतदाता सूची से अपना नाम हटवाया और बिहार की सूची में जोड़ा।
उन्होंने कहा कि यही तो SIR का असली उद्देश्य है मतदाता सूचियों में पारदर्शिता और सटीकता लाना। दानिश इकबाल ने आरोप लगाया कि राजद और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियों की मंशा देश में अराजकता फैलाने की है और इसीलिए ये लोकतंत्र व संविधान को नजरअंदाज करते हुए निराधार बयान देते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सर्वोच्च न्यायालय पहले ही इस मुद्दे पर चुनाव आयोग की प्रक्रिया को सही ठहरा चुका है, जिससे विपक्ष के आरोप बेअसर साबित हुए हैं।






















