Bihar SIR: राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने SIR मुद्दे पर कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां SIR पर चर्चा चाहती हैं। सभी स्पीकर, सरकार से ये बार-बार पूछ रहे हैं कि हमारे वोटों की चोरी नहीं होनी चाहिए। हम इस पर चर्चा करने के लिए एक अवकाश चाहते हैं और ये जो वोटों की चोरी हो रही है तो हम चाहते हैं कि इस पर संपूर्ण चर्चा हो। वोटर लिस्ट में उसका नाम नहीं है तो वो इस देश का नागरिक भी नहीं हुआ तो ये उनके नागरिकता पर संदेह करने का प्रयास कर रहे हैं।
बिहार SIR मुद्दे पर TMC सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि संसद नहीं चलेगी क्योंकि यह देश की मांग है और SIR सरकार की साजिश है। 65 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। अगर संसद में यह मुद्दा नहीं उठेगा तो फिर कहां उठेगा? पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेजस्वी यादव की लोकप्रियता को देखते हुए SIR की साजिश की जा रही है। सरकार नहीं चाहती कि संसद चले क्योंकि वे कई सवालों के जवाब नहीं देना चाहते।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर JMM सांसद महुआ माजी ने कहा जैसा कि कहा जा रहा है कि बिहार में कई फर्जी मतदाता थे, वर्तमान बिहार सरकार उन्हीं के द्वारा चुनी गई है। भाजपा के सांसद बिहार से चुने गए हैं इसलिए उन पर भी सवाल उठते हैं। क्या इन फर्जी मतदाताओं ने उन्हें चुना है? कई बार बिहार की जनता के पास जरूरी दस्तावेज नहीं होते और उनके लिए अपना पक्ष रखना बहुत मुश्किल हो जाता है।
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, चुनाव से जुड़ी प्रक्रिया लोकतंत्र का सबसे बड़ा हिस्सा है। चुनाव पर संसद में बहस क्यों नहीं हो सकती है? चुनाव आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि राजनीतिक दलों और जनता के दिमाग में जो शक है, वे दूर किए जाएं। समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने SIR के मुद्दे पर कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने भारत की जनता के मन मुताबिक काम किया है। यह बहुत अच्छा और न्यायसंगत काम है। अब चुनाव आयोग को सूची जारी करनी होगी। वे जब सूची जारी करेंगे तब असलियत पता चलेगी।”
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, भारत के चुनाव आयोग द्वारा लक्षित मतदाताओं जिसमें दलित हाशिए पर हैं, गरीब लोग हैं और उनके वोट देने के अधिकार को SIR द्वारा सवालों के घेरे में रखा गया है। विपक्ष संसद में SIR प्रक्रिया पर चर्चा की मांग कर रहा है लेकिन सरकार इससे इनकार कर रही है। वे चर्चा से क्यों भाग रहे हैं? वे क्या छिपाना चाहते हैं? सभी विपक्षी सांसद भारत के चुनाव आयोग से जवाब मांगने के लिए मार्च करेंगे।”
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, संविधान की रक्षा के लिए, लोकतंत्र बचाने के लिए चुनाव होता है और जब संविधान, लोकतंत्र की रक्षा ना कर पाएं, तो सदन के चलने का क्या फायदा है?…SIR देश और लोकतंत्र के लिए खतरा बन गया है।