Bihar SIR Supreme Court Order: बिहार की राजनीति में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर उठे विवाद पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश विपक्ष के लिए बड़ी राहत लेकर आया। नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस फैसले को न सिर्फ लोकतंत्र बल्कि विपक्ष की जीत बताया। उनका कहना है कि कोर्ट ने उनकी तीन प्रमुख मांगों पर सहमति दी है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि विरोध एसआईआर की प्रक्रिया और चुनाव आयोग की पारदर्शिता को लेकर था, न कि मतदाता सूची के सुधार के खिलाफ।
पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि आधार कार्ड को मान्य दस्तावेज माना जाएगा, मतदाता सूची से जिन 65 लाख नामों को हटाया गया है उनकी सूची बूथ स्तर पर कारण सहित प्रदर्शित होगी, और इस प्रक्रिया के बारे में जनता को विज्ञापन जारी कर जानकारी दी जाएगी। तेजस्वी के मुताबिक, यह फैसला मतदाताओं के अधिकारों की सुरक्षा और चुनावी पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जन्मस्थली है और इसे खत्म करने की हर कोशिश नाकाम होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए बिहार में वोटों की चोरी कर रहा है और भाजपा के कई नेताओं के पास दो-दो मतदाता पहचान पत्र हैं। उदाहरण के तौर पर उन्होंने भाजपा के संगठन महामंत्री भीखुभाई दलसानिया और जदयू के विधान पार्षद दिनेश सिंह के नाम का उल्लेख किया। तेजस्वी ने दावा किया कि उनकी पार्टी अब सिर्फ लाठी वाली राजनीति नहीं करती, बल्कि लैपटॉप, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर चुनावी गड़बड़ियों का पर्दाफाश करेगी।
उन्होंने याद दिलाया कि 27 जून से ही एसआईआर पर आपत्ति दर्ज कराई जा रही है और चुनाव आयोग के शपथ पत्र में कहीं भी ‘घुसपैठियों’ का जिक्र नहीं है, जबकि सत्ता पक्ष इस मुद्दे को अलग तरीके से पेश कर रहा था। तेजस्वी ने कहा कि 17 अगस्त से सासाराम से शुरू होने वाली महागठबंधन की “मतदान अधिकार यात्रा” में जनता के सामने एनडीए का “पूरा खेल” खोला जाएगा। इस यात्रा में उनके साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन के कई बड़े नेता भी शामिल होंगे।






















