बिहार विधान परिषद में सोमवार को शिक्षक ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर बड़ा हंगामा हुआ। इस मुद्दे पर JDU MLC संजय कुमार सिंह ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रांसफर प्रक्रिया में भेदभाव हुआ है और इसमें केवल पत्नियों को प्राथमिकता दी गई है, जबकि पतियों को तबादले का लाभ नहीं मिला।
ट्रांसफर नीति पर JDU MLC का विरोध
सदन में जदयू एमएलसी संजय कुमार सिंह ने शिक्षक ट्रांसफर पोस्टिंग प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह लिंग-भेदभाव का मामला है। उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, “ट्रांसफर नीति में केवल पत्नियों को उनके मनपसंद स्थानों पर भेजा गया है, लेकिन पतियों को स्थानांतरित नहीं किया गया। यह अन्यायपूर्ण है और सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।”
मंत्री का मजाकिया जवाब, सदन में लगे ठहाके
जदयू एमएलसी की इस टिप्पणी पर सदन में मौजूद बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने चुटकी लेते हुए कहा कि “जब पत्नियों को ही उनके पतियों के पास भेज दिया गया है, तो अब पतियों को कहां भेजें?” उनके इस मजाकिया जवाब पर सदन में जोरदार ठहाके लगे और माहौल हल्का हो गया।
शिक्षकों के ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने सोमवार को राज्य के 10,225 शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया। इसमें 2953 पुरुष और 7272 महिला शिक्षक शामिल हैं। शिक्षा सचिव अजय यादव की अध्यक्षता में यह प्रक्रिया पूरी की गई। स्थानांतरित शिक्षकों ने ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से अपने मनचाहे जिलों में ट्रांसफर के लिए आवेदन किया था। शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया चलाई गई थी, जहां इच्छुक शिक्षकों को अपने पसंदीदा जिले का चयन करने का मौका दिया गया। इस दौरान दो शपथ-पत्र अपलोड करने का निर्देश दिया गया था। शिक्षा विभाग के अनुसार, अब स्थानांतरित शिक्षकों को उनके जिलों में सरकारी स्कूलों में तैनात किया जाएगा।
गलत सूचना देने पर होगी कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि यदि किसी भी शिक्षक द्वारा ई-पोर्टल पर दी गई जानकारी गलत पाई जाती है, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह भी स्पष्ट किया गया कि स्थानांतरित शिक्षकों को उनकी पसंद के जिलों में उपलब्ध सरकारी स्कूलों में तैनात किया जाएगा।
पहले चरण में भी हुआ था शिक्षकों का ट्रांसफर
गौरतलब है कि इससे पहले जनवरी में पहले चरण में गंभीर रोगों से ग्रसित 47 नियमित शिक्षकों का तबादला किया गया था। इसके बाद बीपीएससी टीआरई-1 और टीआरई-2 से चयनित 260 शिक्षकों (जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे) के ट्रांसफर को मंजूरी दी गई थी।