Bihar Teacher Transfer: बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से एक बड़ी और राहतभरी घोषणा सामने आई है। शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे अंतर जिला स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर अब शिक्षकों को अधिक लचीलापन और पारदर्शिता मिलेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा की और यह स्पष्ट किया कि अब शिक्षक अपने स्थानांतरण के लिए तीन जिलों का विकल्प चुन सकेंगे।
यह फैसला उन हजारों शिक्षकों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो वर्षों से स्थानांतरण की प्रक्रिया में उलझे हुए थे या पारिवारिक कारणों से किसी अन्य जिले में ट्रांसफर की मांग कर रहे थे। खासकर महिला शिक्षकों और ऐसे कर्मचारी जो अपने परिवार से दूर कठिन इलाकों में सेवा दे रहे हैं, उनके लिए यह निर्णय राहतभरा साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि जिलों के अंदर पदस्थापन (पोस्टिंग) का कार्य जिला पदाधिकारी की समिति के माध्यम से किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि शिक्षकों को उनके चयनित जिलों में ही यथासंभव उनके पसंदीदा प्रखंडों या आसपास के क्षेत्रों में पोस्ट किया जाए।
उन्होंने यह भी अपील की कि शिक्षक इस व्यवस्था को लेकर चिंतित न हों, बल्कि बच्चों की शिक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए पूरी निष्ठा से कार्य करें। यह सरकार की प्राथमिकता है कि शिक्षा व्यवस्था में न केवल गुणवत्तापूर्ण सुधार हो, बल्कि शिक्षकों की कार्य स्थितियों को भी बेहतर बनाया जाए।
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने हाल ही में म्यूचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया को भी पुनः प्रारंभ किया है, जिसके लिए ई-शिक्षा पोर्टल को फिर से खोला गया है। इस पोर्टल के माध्यम से वे शिक्षक जो पिछली प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सके थे, अब आपसी सहमति से स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए दोनों शिक्षकों को निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इसके बाद दोनों का ट्रांसफर एक-दूसरे के जिलों में किया जाएगा।