Tejashwi Yadav: बिहार की राजनीति में एक बार फिर तेजस्वी यादव ने बड़ा वार किया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने ट्वीट कर एनडीए सरकार पर सीधे सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि बीते 20 वर्षों से बिहार और 11 वर्षों से केंद्र में सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार विकास की बजाय बेरोजगारी, पलायन और गरीबी का प्रतीक बन गया है।
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तेजस्वी यादव ने नीति आयोग की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि लगातार वर्षों से आंकड़े यही साबित कर रहे हैं कि बिहार देश के सबसे पिछड़े राज्यों में से एक बना हुआ है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि तकनीक, उदारीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर में भी बिहार की प्रति व्यक्ति आय अफ्रीकी देशों युगांडा और रवांडा से भी नीचे है।
उन्होंने ट्वीट के जरिए 12 अहम सवाल उठाए हैं, जो बिहार के 8 करोड़ युवाओं की नाराज़गी को दर्शाते हैं। इन सवालों में मुख्य रूप से रोजगार, औद्योगिक विकास, कृषि आधारित उद्योग, IT सेक्टर, डेयरी और मछली उत्पादन, बुनकर व हथकरघा उद्योग, पर्यटन विकास और पारदर्शी भर्ती व्यवस्था शामिल हैं।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि 20 वर्षों के शासन में सरकार ने न तो बिहार की कृषि उपज का सही इस्तेमाल किया और न ही यहां खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना की। यही कारण है कि बिहार में रोजगार के अवसर नहीं बढ़ पाए और लाखों युवाओं को दूसरे राज्यों की ओर पलायन करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि बिहार आज भी दूसरे राज्यों से मछली खरीदता है, जबकि यहां प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। इसी तरह दूध और डेयरी उत्पादों का उत्पादन बढ़ाकर बिहार की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार से पूछा कि आखिर क्यों IT कंपनियों और SEZs को बिहार में स्थापित नहीं किया गया, क्यों उद्योग-विशिष्ट क्लस्टर नहीं बनाए गए और क्यों बुनकर एवं लघु उद्योगों को प्रोत्साहन नहीं मिला।
पर्यटन पर भी उन्होंने सवाल उठाया और कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक महत्व के बावजूद बिहार को आज तक विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र नहीं बनाया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किए गए लाखों करोड़ रुपये दूसरे राज्यों की ओर चले गए, जिससे स्थानीय स्तर पर विकास ठप हो गया।






















