18वीं बिहार विधानसभा (Bihar Vidhan Sabha Committees) में विधायी कामकाज को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार ने शनिवार को सदन की कुल 19 स्थायी समितियों का गठन कर दिया। खास बात यह है कि खरमास शुरू होने से पहले लिए गए इस फैसले को केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि सियासी संतुलन और रणनीतिक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष स्वयं नियम समिति, सामान्य प्रयोजन समिति और विशेषाधिकार समिति के सभापति बनाए गए हैं, जिससे साफ संकेत मिलता है कि सदन की कार्यप्रणाली पर शीर्ष स्तर से सीधी निगरानी रखी जाएगी।
इन समितियों के गठन में अनुभव को प्राथमिकता दी गई है। कई पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ विधायकों को अहम समितियों की जिम्मेदारी सौंपकर सरकार ने यह जताने की कोशिश की है कि विधायी निगरानी और नीतिगत समीक्षा में अनुभवी चेहरों की भूमिका निर्णायक होगी। पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा को प्राक्कलन समिति का सभापति बनाया गया है, जो बजट और खर्चों की बारीकी से जांच करती है। वहीं दामोदर रावत को राजकीय आश्वासन समिति की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो सरकार द्वारा सदन में दिए गए वादों की प्रगति पर नजर रखती है।
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इस पूरी कवायद में विपक्ष को भी प्रतिनिधित्व देकर राजनीतिक संतुलन साधने की कोशिश साफ दिखाई देती है। राजद के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र को लोक लेखा समिति का सभापति बनाना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। लोक लेखा समिति सरकार के वित्तीय कामकाज की निगरानी करती है और परंपरागत रूप से इसे प्रभावशाली समिति माना जाता है। इससे यह संदेश भी जाता है कि सरकार वित्तीय पारदर्शिता के सवाल पर विपक्ष की भूमिका को नजरअंदाज नहीं कर रही।
जदयू के वरिष्ठ विधायक हरिनारायण सिंह को सरकारी उपक्रम समिति का सभापति नियुक्त किया गया है, जिससे राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रदर्शन और प्रबंधन पर फोकस बढ़ेगा। जनक सिंह को याचिका समिति, अमरेंद्र कुमार पांडेय को प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति और शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को जिला परिषद एवं पंचायती राज समिति का सभापति बनाया गया है। इन नियुक्तियों से यह संकेत मिलता है कि सरकार जमीनी प्रशासन और सदन के सवाल-जवाब तंत्र को अधिक सक्रिय बनाना चाहती है।
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सामाजिक और संवेदनशील मुद्दों से जुड़ी समितियों में भी संतुलन साधा गया है। संतोष कुमार निराला को अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण समिति, अख्तरुल इमान को अल्पसंख्यक कल्याण समिति और अश्वमेघ देवी को महिला एवं बाल विकास समिति की जिम्मेदारी दी गई है। पर्यावरण समिति की कमान अवधेश सिंह को सौंपी गई है, जबकि पर्यटन उद्योग समिति का नेतृत्व मनोरंजन सिंह करेंगे। इसके अलावा रेणु सिंह को विरासत विकास समिति और निशा सिंह को कारा सुधार समिति की सभापति नियुक्त किया गया है।






















