बिहार में चल रहे विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) के तहत मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। इस प्रक्रिया में नागरिकता प्रमाण की मांग को लेकर आशंकाएं जताई जा रही हैं कि इससे बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से बाहर हो सकते हैं। इस मामले पर पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने स्पष्ट किया है कि नागरिकता प्रमाणपत्र देना या सत्यापित करना चुनाव आयोग का काम नहीं है।
चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 326 का हवाला दिया
चुनाव आयोग (ECI) ने 24 जून के एक आदेश में संविधान के अनुच्छेद 326 का हवाला देते हुए कहा था कि “मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए व्यक्ति का भारतीय नागरिक होना जरूरी है।” आयोग ने कहा कि उसका संवैधानिक दायित्व है कि वह सुनिश्चित करे कि सिर्फ भारतीय नागरिकों का नाम ही मतदाता सूची में शामिल हो।
लवासा ने कहा – “यह सरकार की जिम्मेदारी, चुनाव आयोग का काम नहीं”
इस पर पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने स्पष्ट किया कि नागरिकता प्रमाणपत्र जारी करना या सत्यापित करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि नागरिकता अधिनियम के अनुसार, नागरिकता कार्ड या प्रमाणपत्र जारी करना राज्य या केंद्र सरकार का काम है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसका काम चुनावों का संचालन करना है, न कि नागरिकता साबित करने का दस्तावेज मांगना।
लवासा ने आगे कहा कि पिछले 70 वर्षों से मतदाता सूची में नाम जोड़ने की एक प्रणाली चल रही है। अचानक अब अनुच्छेद 326 का हवाला देना तर्कसंगत नहीं लगता।
“पहले से पंजीकृत मतदाताओं से दोबारा दस्तावेज मांगना अनुचित”
लवासा ने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति पहले से ही मतदाता सूची में पंजीकृत है और उसने सही प्रक्रिया का पालन किया है, तो उससे दोबारा दस्तावेज मांगना अनुचित है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाई से वंचित समुदायों के मतदाताओं का बहिष्कार हो सकता है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
क्या है बिहार में मतदाता सूची विवाद?
बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) के तहत मतदाता सूची को अपडेट किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में नागरिकता प्रमाण की मांग की जा रही है, जिसे 2003 के नागरिकता अधिनियम से जोड़कर देखा जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि इससे NRC (National Register of Citizens) जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, जहां बड़ी संख्या में लोगों को अपना नागरिकता प्रमाण देना पड़ेगा।