Bihar Voter List: बिहार में मतदाता सूची के विशेष संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) के तहत एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। चुनाव आयोग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य की वोटर लिस्ट से 52 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम काटे जा सकते हैं। इनमें मृतक मतदाता, स्थानांतरित हो चुके लोग और एक से अधिक जगह पंजीकृत वोटर्स शामिल हैं। यह कदम मतदाता सूची को और अधिक पारदर्शी एवं सटीक बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
किस आधार पर हटेंगे मतदाताओं के नाम?
चुनाव आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार:
- 18.66 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनके मृत होने की सूचना मिली है।
- 26.10 लाख वोटर्स स्थायी रूप से दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके हैं।
- 7.50 लाख लोगों के नाम एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाए गए हैं।
- 11,484 मतदाताओं का कोई पता नहीं मिल सका है।
इस प्रकार, कुल 52.30 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाने की संभावना है। चुनाव आयोग ने बताया कि इनमें से अधिकांश मामलों में सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
24 जून, 2025 तक बिहार में कुल 7.89 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे। इनमें से 90% से अधिक (7.16 करोड़) को गणना प्रपत्र (Enumeration Form) वितरित किए जा चुके हैं। इनमें से 7.13 करोड़ (90.37%) ने अपने फॉर्म ऑनलाइन जमा कर दिए हैं। केवल 2.70% मतदाताओं ने अभी तक अपने फॉर्म जमा नहीं किए हैं।
आगे की प्रक्रिया
- 1 अगस्त, 2025 को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
- 1 अगस्त से 1 सितंबर, 2025 तक आम नागरिकों को सूची में आपत्ति दर्ज कराने का मौका मिलेगा।
- चुनाव आयोग ने सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर 21.36 लाख मतदाताओं की सूची साझा की है, जिनके प्रपत्र अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं।