बिहार में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। राजधानी पटना में भी मामले सामने आए हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पूर्वी परिसर ने इसकी पुष्टि की है। पटना के सिविल सर्जन डॉ अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि अभी केवल कृषि अनुसंधान परिषद में ही एच-5 एन-1 वायरस (बर्ड फ्लू) के मामले सामने आए हैं। चिंता करने की अभी कोई बात नहीं है। हमलोग कृषि अनुसंधान परिषद में जो लोग हैं, उनका सैंपल लेकर टेस्ट भी करेंगे।
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मुर्गियों के सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित ICAR की हाई सिक्योरिटी लैब में भेजे गए। जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई, जिसके बाद परिसर के सभी पोल्ट्री वार्ड खाली करा दिए गए। आईसीएआर पूर्वी अनुसंधान परिसर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पीसी चंद्रन ने बताया कि बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद कई कदम उठाए गए।
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बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों की निगरानी में सभी रिसर्च फार्म की मुर्गियों और बत्तखों को मार दिया गया। करीब 130 मुर्गियों और 60 बत्तखों को मार कर दफना दिया गया, ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके। आईसीएआर फार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के डॉ. पंकज कुमार ने सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। विश्वविद्यालय ने एहतियात के तौर पर अपने फार्म में पक्षियों को मारने की योजना बनाई है। इसके अलावा, संक्रमण के किसी भी जोखिम को खत्म करने के लिए उनके चारे और अन्य सामग्रियों को दफनाया जाएगा।