सिद्धार्थनगर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जगदंबिका पाल ने रविवार को सिद्धार्थनगर में एक बयान में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के कथित बयान पर कड़ा जवाब दिया। यह बयान भारत द्वारा हाल ही में सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले के संदर्भ में आया है।
पाल ने कहा कि पाकिस्तान को 19 सितंबर 1960 को हुए इस समझौते को याद रखना चाहिए, जिसमें सिंधु नदी का पानी साझा करने पर सहमति बनी थी। पाल ने कहा, “पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है और हमें उन्हें पानी देना चाहिए, यह समझौता हुआ था। लेकिन जिस तरह से उन्होंने पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या की है, उससे साबित होता है कि यह सिर्फ आतंकवादी नहीं हैं। उन्हें पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने उकसाया था और यह उसका परिणाम है। उनके सेना प्रमुख खुद आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने स्वीकार किया है कि उन्होंने आतंकवाद को फंडिंग और ट्रेनिंग दी है। पाल ने चेतावनी देते हुए कहा, “जो पाकिस्तान खाने के लिए तरस रहा है, वह अब पानी के लिए तरसेगा। बिलावल भुट्टो की यह गीदड़भभकी है। वहां आर्थिक संकट है। पहले वे आतंकवाद को खत्म करें, भारत को धमकी न दें।”
पाल ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकियों को चाहे वे पाताल लोक में भी छिपे हों, खोजकर खत्म किया जाएगा। यह बयान 23 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरण घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद आया है, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले के बाद भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था।
यह हमला, जिसकी जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी, कश्मीर घाटी में कथित जनसांख्यिकीय परिवर्तन के खिलाफ था और इसमें गैर-मुस्लिम पर्यटकों को निशाना बनाया गया था। इस घटना ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप सीमा पर झड़पें भी हुई हैं।
सिंधु जल संधि, जो 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, दोनों देशों के बीच जल बंटवारे का एक महत्वपूर्ण समझौता रहा है। हालांकि, पहलगाम हमले के बाद भारत ने इस संधि को निलंबित कर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच पानी और सुरक्षा को लेकर तनाव और बढ़ गया है।पाकिस्तान पहले से ही पानी के संकट से जूझ रहा है, जहां कराची जैसे बड़े शहरों में भी केवल 40% से कम घरों को पाइप से पानी मिलता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह कदम पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
जगदंबिका पाल, जो उत्तर प्रदेश के डोमरियागंज से सांसद हैं, ने अपने बयान में यह भी कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाने की जरूरत है, न कि भारत को धमकाने की कोशिश करनी चाहिए।