पटना: बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने वक्फ़ (संशोधन) विधेयक को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव न तो शिक्षित हैं और न ही खुद को शिक्षित करना चाहते हैं। सांसद ने दावा किया कि देश में कुल 37.3 लाख एकड़ वक्फ की जमीन है, लेकिन बिहार में इस जमीन का हिस्सा महज 30,000 एकड़ है, जो कुल पंजीकृत वक्फ भूमि का सिर्फ 1% है। इस आंकड़े के जरिए उन्होंने बिहार में मुस्लिम आबादी के अनुपात में वक्फ संपत्तियों की कमी को उजागर किया।
संजय जायसवाल ने सवाल करते हुए कहा, “क्या तेजस्वी यादव यह मानते हैं कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अवैध कब्जे हैं या धांधली से इन जमीनों को बेच दिया गया है? क्या वे इस बात को नजरअंदाज करेंगे कि वक्फ संपत्तियों की जमीनें अवैध रूप से अपने नाम करवाई गईं?” सांसद ने यह भी कहा कि दरभंगा में वक्फ के चुनावों के दौरान हिंसा होती है, जो यह दर्शाता है कि वक्फ संपत्तियों के मामले में गड़बड़ियां हो रही हैं।
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उन्होंने आगे बताया कि जब वह वक्फ बोर्ड के सदस्य थे, तो उन्हें पता चला कि अजमेर शरीफ दरगाह की संपत्तियों का सबसे बड़ा हिस्सा वक्फ बोर्ड में है, लेकिन आज तक इस दरगाह को बिहार से एक भी रुपया नहीं भेजा गया है। संजय जायसवाल ने आरोप लगाया कि वक्फ की संपत्तियों पर नाजायज कब्जा करके शॉपिंग मॉल जैसे वाणिज्यिक स्थान बनाए गए हैं।
सांसद ने एक और उदाहरण पेश करते हुए कहा कि बेगूसराय के एक ताहिर नामक शख्स ने उनसे मुलाकात की थी, जो बताते हैं कि उनके परदादा ने 175 एकड़ जमीन 1880 में मुंगेर के न्यायालय में रजिस्टर्ड करवाई थी। हालांकि, 10 साल पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि यह जमीन केवल 50 एकड़ थी, और इसके बाद उस जमीन का अधिकांश हिस्सा बेच दिया गया।
संजय जायसवाल ने सवाल किया, “क्या तेजस्वी यादव इन नाजायज हरकतों को जायज मानते हैं और यह कहते हैं कि बिहार में वक्फ की संपत्तियों से कभी भी गरीबों का भला होगा?” सांसद ने तेजस्वी यादव पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने हमेशा मुस्लिम अपराधियों का समर्थन किया है, जबकि नीतीश कुमार ने राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के बेटों और बेटियों को सरकारी नौकरी देने की दिशा में काम किया है।