बिहार की राजनीति में चुनावी घोषणाओं का दौर तेज हो चुका है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव द्वारा बिहार की जनता के नाम लिखे गए ‘खुले पत्र’ ने राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। तेजस्वी के पत्र में विकास, रोजगार और नया बिहार बनाने की बातें कही गई थीं, लेकिन बीजेपी ने इस पत्र को “झूठे वादों का दस्तावेज़” करार देते हुए तीखा हमला बोला है।
BJP के बिहार मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने कहा कि यह पत्र नहीं बल्कि “जुमलों की किताब” है। उन्होंने इसे राजद की 15 साल की विफलता को ढकने की असफल कोशिश बताया।
Vision Vs History का टकराव
जहां तेजस्वी बिहार को “नंबर-1 राज्य” बनाने का दावा कर रहे हैं, वहीं भाजपा राजद शासनकाल (1990–2005) को जंगलराज कहकर याद दिला रही है। भाजपा का आरोप है कि तेजस्वी उस विरासत को दोहराना चाहते हैं, जिसमें अपराध, भ्रष्टाचार और जातिवाद चरम पर था।
भाजपा का जवाब: NDA ने क्या किया?
क्षेत्र | NDA सरकार की उपलब्धियां |
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शिक्षा | हर जिले में कॉलेज, तकनीकी संस्थान |
स्वास्थ्य | AIIMS, मेडिकल कॉलेजों की स्थापना |
सड़क-बिजली-पानी | गांव-गांव सड़क और बिजली पहुंची |
महिला सशक्तिकरण | उज्ज्वला योजना, शौचालय, आवास |
रोजगार-स्टार्टअप | उद्योग नीति, स्टार्टअप नीति लागू |
बीजेपी का दावा है कि राजद सरकार में बिहार सबसे पिछड़ा था और एनडीए ने इसे विकास के रास्ते पर लौटाया।
RJD पर निशाना: ‘वंशवाद और जातिवाद की राजनीति’
दानिश इकबाल ने कहा कि राजद के शासन में जब एक ही परिवार सरकार चला रहा था, तब बिहार में नकल माफिया, अपहरण उद्योग और रंगदारी का बोलबाला था। आज भी वही सोच पार्टी पर हावी है। तेजस्वी का नया बिहार सिर्फ भाषणों में है, ज़मीन पर नहीं।