पटना. बिहार की सियासी फिज़ा में एक बार फिर बड़ा धमाका हुआ है। मंगलवार की दोपहर राजधानी पटना के एक पते – “1 अणे मार्ग” – पर अचानक राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर एक के बाद एक कर बीजेपी के दिग्गज नेता पहुंचने लगे। न कोई तय कार्यक्रम, न कोई मीडिया को पूर्व सूचना—फिर भी वहां थे बीजेपी के पांच बड़े चेहरे।
कौन-कौन पहुंचे नीतीश के पास?
नीतीश कुमार से मुलाकात करने पहुंचे नेताओं की सूची लंबी और भारी-भरकम है—केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, मंत्री प्रेम कुमार, और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे। इन सभी का एक साथ, बिना किसी तय कार्यक्रम के मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचना सियासी गलियारों में चर्चा का बवंडर खड़ा कर गया है।
मुलाकात का ‘मोटिव’ क्या है?
सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात की पृष्ठभूमि कई परतों में छिपी हुई है। पहली बड़ी चर्चा है मुकेश सहनी की ‘घर वापसी’ को लेकर। VIP प्रमुख मुकेश सहनी की एनडीए में वापसी की अटकलें पिछले कुछ दिनों से चल रही थीं और अब माना जा रहा है कि इस मुलाकात का एक अहम हिस्सा वही हो सकता है।
दूसरी बड़ी बात है—एनडीए का सीएम चेहरा कौन होगा?
हाल ही में बीजेपी के वरिष्ठ नेता नयाब सिंह सैनी का बयान आया था कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार नहीं, बल्कि सम्राट चौधरी चेहरा होंगे। इस बयान के बाद एनडीए में अंदरूनी खींचतान की खबरें ज़ोर पकड़ने लगीं थीं।
नीतीश फिर से ‘किंगमेकर’ या ‘किंग’?
इस अचानक हुई हाई-प्रोफाइल मुलाकात ने एक बार फिर नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति के केंद्र में ला दिया है। जहां एक ओर विपक्ष महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग और नेतृत्व को लेकर उलझा हुआ है, वहीं एनडीए अपने आंतरिक समीकरण दुरुस्त करने में जुटा है।
राजनीति में कुछ भी संभव है, और बिहार की राजनीति तो ख़ास तौर पर। आज की यह मुलाकात सिर्फ “एक अणे मार्ग” पर नहीं, बल्कि आने वाले चुनावी नक्शे पर भी असर डालने वाली है।
तो क्या नीतीश फिर से NDA की कमान संभालेंगे? या पर्दे के पीछे चल रहा है कोई बड़ा समझौता? अगले कुछ घंटों में जवाब मिल सकता है।