बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय उग्रवादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले तेज कर दिए हैं। बीएलए ने दावा किया है कि उसने अपने ‘ऑपरेशन हेरोफ’ के तहत हाल के दिनों में 51 सैन्य ठिकानों पर 71 सटीक हमले किए। इन हमलों को संगठन ने दक्षिण एशिया में “नई व्यवस्था की शुरुआत” करार देते हुए खुद को क्षेत्र का एक “निर्णायक पक्ष” बताया है।
हमले कहां-कहां और कैसे हुए?
बीएलए के अनुसार, ये हमले बलूचिस्तान के केच, पंजगुर, मस्तुंग, क्वेटा और नुश्की जिलों में किए गए। हमलों में सैन्य काफिलों पर घात लगाकर हमला, आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट, इंटेलिजेंस सेंटरों और चौकियों पर धावा, टारगेट किलिंग और कुछ क्षेत्रों पर कब्जे की रणनीति शामिल रही। बीएलए ने इन हमलों को पाकिस्तानी सेना की मौजूदगी को चुनौती देने और बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की दिशा में “व्यावहारिक कदम” बताया है।
बीएलए का बयान: “हम किसी की कठपुतली नहीं”
बीएलए के प्रवक्ता जियांद बलोच ने एक बयान में कहा, “हम न किसी विदेशी शक्ति की कठपुतली हैं और न ही मूक दर्शक। बलूच लिबरेशन आर्मी बलूच राष्ट्र के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ रही है।” उन्होंने आगे कहा कि यह ऑपरेशन बलूचिस्तान की आजादी के लिए एक ठोस कदम है और पाकिस्तानी सेना की दमनकारी नीतियों के खिलाफ एक जवाब है।
भारत और दुनिया से अपील
बीएलए ने भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि पाकिस्तान को “आतंकी देश” घोषित किया जाए और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। संगठन ने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान को इसी तरह सहन किया गया, तो उसकी मौजूदगी पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकती है।
क्या है ऑपरेशन हेरोफ?
‘ऑपरेशन हेरोफ’ बीएलए की एक रणनीतिक पहल है, जिसके तहत वह पाकिस्तानी सेना को सीधे चुनौती दे रहा है। संगठन का कहना है कि यह ऑपरेशन न केवल सैन्य कार्रवाइयों तक सीमित है, बल्कि यह बलूचिस्तान की आजादी के लिए एक व्यापक आंदोलन का हिस्सा है।
हाल ही में, बीएलए ने बलूचिस्तान में 39 अलग-अलग स्थानों पर हमले किए थे, जिसमें पुलिस और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था। मंगलवार को किए गए 51 ठिकानों पर 71 हमले इस बात का संकेत हैं कि बीएलए अपनी गतिविधियों को और तेज कर रहा है।