मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता और बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार अभिनय या राजनीति के लिए नहीं, बल्कि उनके मुंबई के मलाड इलाके में बने एक कथित अवैध निर्माण को लेकर। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने मिथुन चक्रवर्ती को एक शो-कॉज नोटिस जारी किया है, जिसमें उनके एरंगल गांव, मढ क्षेत्र में बने ग्राउंड-प्लस-मेजनाइन फ्लोर वाले ढांचे को अवैध बताया गया है।
BMC ने चेतावनी दी है कि अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो इस ढांचे को ध्वस्त कर दिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
BMC का नोटिस और आरोप
BMC के पी-नॉर्थ वार्ड ने 10 मई 2025 को यह नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया है कि मिथुन चक्रवर्ती ने बिना अनुमति के इस प्लॉट पर दो ग्राउंड-प्लस-मेजनाइन फ्लोर वाली इमारतें, एक ग्राउंड फ्लोर का ढांचा और तीन अस्थायी 10×10 यूनिट्स बनाई हैं। इन संरचनाओं में ईंट, लकड़ी, कांच और एसी शीट्स का इस्तेमाल किया गया है, जो मुंबई महानगरपालिका अधिनियम की धारा 337, 342 और 347 का उल्लंघन है।
BMC ने मिथुन को सात दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है, अन्यथा धारा 351(1A) और 475A के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें ढांचे को तोड़ने के साथ-साथ जुर्माना और कारावास की सजा भी शामिल हो सकती है।
मिथुन चक्रवर्ती का जवाब
इस मामले पर मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “मेरे पास कोई अवैध निर्माण नहीं है। कई लोगों को इस तरह के नोटिस भेजे गए हैं, और हम भी अपना जवाब BMC को भेज रहे हैं।” मिथुन ने इस बात पर जोर दिया कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और इस मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब मिथुन को BMC की ओर से नोटिस मिला है। साल 2011 में भी उनके खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई शुरू की गई थी।
BMC की व्यापक कार्रवाई
BMC ने इस क्षेत्र में अवैध निर्माणों के खिलाफ एक बड़ा अभियान छेड़ा हुआ है। अधिकारियों ने मढ क्षेत्र में 101 अवैध संरचनाओं की पहचान की है, जिनमें से कई बंगले फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए हैं। BMC का लक्ष्य मई 2025 के अंत तक इन सभी संरचनाओं को ध्वस्त करना है।
अगर मिथुन चक्रवर्ती BMC को संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते हैं, तो उनके ढांचे को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हो सकती है। साथ ही, धारा 475A के तहत उन पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है, जिसमें जुर्माना और कारावास का प्रावधान है।