[Team insider] चास थाने के आईटीआई मोड़ स्थित अमृत पार्क के बगल में फोरलेन किनारे फेंकी गई दवाई को जलाने के मामले की जांच तीन सदस्य की टीम ने शुरू कर दी है। तीन सदस्यीय औषधि निरीक्षक की टीम ने मौके पर पहुंचकर दवाइयों का सैंपल इकट्ठा किया और इस मामले की जांच शुरू कर दी। इस मामले में औषधि निरीक्षक आलोक कुमार ने बताया कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नकली वैक्सीन का मामला सामने आया था, उसी तरह से यह मामला भी नकली दवाइयों का हो सकता है।
एचआईवी जांच किट भी बरामद
मौके से एचआईवी जांच किट भी बरामद किया गया है, जिसकी मैन्युफैक्चरिंग चाइना में की गई है। इस पर औषधि निरीक्षक ने बताया कि इस किट में बैच नंबर अंकित नहीं है, जबकि इम्पोर्ट नंबर इसमें अंकित किया गया है। उन्होंने बताया कि जो दवाइयां यहां जलाई गई है ,वह जीवन रक्षक दवाइयां विटामिन सहित कई अन्य दवाइयां है जो अभी एक्सपायर नहीं हुई है।
रात में जलाई गई दवाइयां
उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है संबंधित कंपनी को बैच नंबर के साथ इसकी सूची भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से दवाइयां रात में जलाई गई है। इसमें सरकारी दवाई होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि जांच के बाद स्पष्ट किया जा सकता है। बताते चलें कि कल फोरलेन किनारे दवाइयों के फेंके जाने का मामला मीडिया में आने के बाद देर रात उसे जलाने का प्रयास किया गया। इस प्रकार से दवाइयों को जलाना, कहीं ना कहीं मामला गंभीर और संदिग्ध नजर आ रहा है।