नई दिल्ली: भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया है। इंडिया टीवी की एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अपनी अचूक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के कई रणनीतिक सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें रफीकी (शोरकोट), मुरिद (चकवाल), नूर खान (रावलपिंडी), रहीम यार खान, सक्खर और चुनियां (कसूर) जैसे एयरबेस शामिल हैं। इस हमले के बाद सैटेलाइट तस्वीरों से पक्के सबूत मिले हैं, जो इस ऑपरेशन की सफलता को दर्शाते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। यह हमला पिछले 25 सालों में कश्मीर में पर्यटकों पर हुआ सबसे घातक हमला था। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली, जो पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन माना जाता है। हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की, जिसके तहत 6 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित जम्मू-कश्मीर में 9 ठिकानों पर हमले किए गए।
ब्रह्मोस मिसाइल का पहला युद्धक इस्तेमाल
मालूम हो कि इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस मिसाइल के इस्तेमाल की पुष्टि भले ही आधिकारिक तौर पर न हुई हो, लेकिन बीकानेर (राजस्थान) के पास भारत-पाक सीमा पर मिले मिसाइल के मलबे से इसके उपयोग के संकेत मिलते हैं। मलबे में पाए गए बूस्टर और नोज कैप ब्रह्मोस मिसाइल के लॉन्च के बाद छोड़े जाने वाले हिस्सों से मेल खाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिसाइल का इस्तेमाल बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मुख्यालय को निशाना बनाने के लिए किया गया, जो इस ऑपरेशन का एक प्रमुख लक्ष्य था।
बता दें ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त उद्यम का परिणाम है, जिसे ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित किया गया है। यह मिसाइल 290 किलोमीटर तक की रेंज और 2.5 मैक की गति के साथ एक अचूक हथियार है। 2024 में भारतीय नौसेना ने 800 किलोमीटर रेंज वाले 220 ब्रह्मोस मिसाइलों का ऑर्डर दिया था, जिससे इसकी ताकत और बढ़ गई है।
भारत का दावा, पाकिस्तान का खंडन
भारत ने इस हमले को आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम बताया है। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को पनाह देता है, जो कश्मीर में हमलों को अंजाम देते हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने इन हमलों को “युद्ध की कार्रवाई” करार देते हुए दावा किया है कि भारत ने नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया। हालांकि, सैटेलाइट तस्वीरों ने भारत के दावों को मजबूती दी है, जिसमें सैन्य ठिकानों को हुए नुकसान को साफ देखा जा सकता है।
बढ़ता तनाव और अंतरराष्ट्रीय चिंता
1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद से कश्मीर दोनों देशों के बीच विवाद का प्रमुख कारण रहा है। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह ताजा टकराव 2019 के बाद दोनों परमाणु-संपन्न देशों के बीच सबसे बड़ा सैन्य टकराव है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, क्योंकि इस तनाव के एक पूर्ण युद्ध में बदलने की आशंका बढ़ गई है।
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ उसकी “जीरो टॉलरेंस” नीति को एक बार फिर दुनिया के सामने ला दिया है। ब्रह्मोस मिसाइल के इस पहले युद्धक इस्तेमाल ने न केवल पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है, बल्कि भारत की तकनीकी और रणनीतिक क्षमता को भी प्रदर्शित किया है। हालांकि, इस कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है, जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।