बिहार के सुपौल जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने विशेष सर्वेक्षण कानूनगो विकास कुमार को 5000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी त्रिवेणीगंज अनुमंडल के गुदरिया पंचायत सरकार भवन कार्यालय में हुई, जहां आरोपी कानूनगो जमीन के सर्वेक्षण और दाखिल-खारिज के एवज में रिश्वत मांग रहा था।
शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
यह मामला तब सामने आया जब अनुपम कुमार, निवासी महेशुआ, त्रिवेणीगंज, ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि कानूनगो विकास कुमार ने उनसे जमीन के सर्वेक्षण में सहूलियत देने के लिए 5000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित द्वारा प्रमाणित साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने के बाद निगरानी विभाग ने योजना बनाकर इस घोटाले का पर्दाफाश किया।
ऑपरेशन ट्रैप: कानूनगो धरा गया
निगरानी ब्यूरो की टीम ने पुलिस उपाधीक्षक सुनील कुमार सायन के नेतृत्व में यह ऑपरेशन चलाया। पूरी तैयारी के बाद जैसे ही आरोपी कानूनगो ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया। इसके बाद ब्यूरो की टीम ने उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ के लिए न्यायालय में पेश करने की तैयारी की जा रही है।
बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त अभियान
बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ यह इस साल की अठारहवीं ट्रैप कार्रवाई थी। अब तक की गई गिरफ्तारियों के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2025 में अब तक कुल 36 लोगों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है, जिससे कुल घूसखोरी की बरामद राशि 3,61,000 रुपये हो चुकी है। इसके अलावा, विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ 1,64,05,000 रुपये की अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के मामले दर्ज किए गए हैं।
निगरानी विभाग की अपील
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा रिश्वत मांगने पर इसकी सूचना तत्काल निगरानी विभाग को दें। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, जहां शिकायतकर्ता सीधे संपर्क कर सकते हैं।