गया जिले के अतरी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित राजद विधायक रंजीत यादव की जनसभा में एक पुराने और विवादित नारे “भूरा बाल साफ करो” के गूंजने से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। यह नारा 1990 के दशक में सवर्ण जातियों — भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और कायस्थ — के खिलाफ राजनीतिक ध्रुवीकरण का प्रतीक माना जाता था। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि मंच के पास खड़ा एक व्यक्ति, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का हवाला देते हुए, जोर से नारा लगाता है: “लालू यादव ने पहले ही कहा था — भूरा बाल साफ करो। अब फिर वही वक्त आ गया है।” इस बयान पर सभा में मौजूद लोग तालियां बजाते हुए दिखते हैं, वहीं विधायक रंजीत यादव मंच पर मौजूद नजर आते हैं।

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
इस नारे ने राजनीतिक दलों को एक बार फिर पुराने जख्मों की याद दिला दी है। भाजपा और जदयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि राजद फिर से बिहार को 90 के दशक के ‘जंगलराज’ में धकेलना चाहता है। जदयू ने तेजस्वी यादव को घेरते हुए कहा कि वह भले ही ‘A to Z’ की राजनीति की बात करें, लेकिन राजद के मंच पर जो बातें कही जा रही हैं, वह पार्टी के असली चेहरे को उजागर करती हैं।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती ने भी बयान दिया है कि यह नारा लालू यादव के समय का है और इसका उद्देश्य फिर से सामाजिक तनाव पैदा करना है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें बिहार को फिर एक बार अराजकता की ओर ले जाएंगी।
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राजद की सफाई
विवाद गहराने के बाद राजद की ओर से भी सफाई आई है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व विधायक शक्ति यादव ने बयान जारी कर कहा, “राजद A to Z की पार्टी है, और यह नारा किसी पार्टी सदस्य ने नहीं दिया। मुनारिक यादव नामक व्यक्ति, जिसने यह नारा लगाया, न तो राजद का कार्यकर्ता है और न ही सदस्य। वह भाजपा के इशारे पर ऐसा कर रहा है ताकि जनता में भ्रम पैदा हो सके।” राजद ने यह भी कहा कि पार्टी का उद्देश्य सभी वर्गों और समुदायों को साथ लेकर चलना है, और ऐसे बयानों का वह समर्थन नहीं करती जो सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ें।