वैशाली में बने बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ बिहार सरकार के कई मंत्री भी उद्घाटन कार्यक्रम शामिल हुए। स्मारक वैश्विक बौद्ध समुदाय के लिए श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र बना। कार्यक्रम में चीन, जापान, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, तिब्बत, म्यांमार, भूटान, वियतनाम, मलेशिया, लाओस, कंबोडिया, मंगोलिया, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे 15 बौद्ध देशों के भिक्षुओं की सहभागिता रही है। यह स्तूप का निर्माण भवन निर्माण विभाग कि ओर से किया गया है।

वैशाली गढ़ पर बने स्तूप का निर्माण भवन निर्माण विभाग की ओर से की गई है। इसके निर्माण पर 550.48 करोड रुपए खर्च हुए हैं। यह स्मृति स्तूप 72 एकड़ में बनाया गया है, जो वैशाली से लेकर मुजफ्फरपुर जिले तक फैला हुआ है। स्मृति स्तूप परिसर में लोगों को ध्यान आकर्षित करने के लिए पुस्तकालय, आगंतुक केंद्र, संग्रहालय ब्लॉक, एम्फीथियेटर, कैफेटेरिया, 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र, पार्किंग और अन्य सुविधाएं भी विकसित की गई हैं। अब विदेश से आने वाले पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र वैशाली हो जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया। इस मौके पर दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, विजय चौधरी सहित एनडीए के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।

6 साल के लंबे इतंजार के बाद आखिरकार सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा हो गया जिसके तहत सीएम ने करोड़ो की लागत से बने बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का उदघाटन कर दिया।डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी,मंत्री विजय चौधरी के साथ पहुंचे नीतीश कुमार ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट का उदघाटन किया जिसके बाद आज से यह आम लोगो के लिए भी खोल दिया गया है।वहीं इस मौके पर 15 देशों से आए बौद्ध भिक्षु भी उपस्थित थे जिन्होंने विधिवत पूजा अर्चना की जिसके बाद सीएम ने मुख्य स्तूपा सहित पूरे परिसर का मुआयना भी किया।
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बता दें कि इसे बनाने में 550.48 करोड रुपए खर्च हुए हैं।यह स्तूप 72 एकड़ में बन कर तैयार हुआ है।जो वैशाली जिले से लेकर मुजफ्फरपुर जिला तक फैला हुआ है।स्तूप के परिसर में लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए पुस्तकालय आगंतुक केंद्र संग्रहालय ब्लॉक एमफिल थियेटर कैफेटेरिया,मेडिटेशन सेंटर के अलावा 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र पार्किंग तथा अन्य सुविधा भी विकसित की गई है।उद्घाटन के बाद विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र वैशाली हो जाएगा।खास बात यह है कि मुख्य स्तूपा में अस्थि कलश को आज ही स्थापित भी कर दिया गया है।

दरअसल 72 एकड़ भूमि में फैले इस भव्य परिसर को 550.48 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। यह स्थल एतिहासिक पुष्करणी तालाब और मड स्तूप के समीप स्थित है। संग्रहालय के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया जाएगा, जो 1958-62 की खुदाई में प्राप्त हुआ था और स्मारक का प्रमुख केंद्र बिंदु होगा. पूरी तरह पत्थरों से निर्मित यह स्तूप वंशी पहाड़पुर (राजस्थान) से लाए गए 42,373 बलुआ पत्थरों से टंग एंड ग्रूव तकनीक के माध्यम से जोड़ा गया है। यह संरचना आधुनिक भूकंपरोधी तकनीकों से सुसज्जित है।