बुलंदशहर : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के चोला थाना क्षेत्र के गांव दाउदपुर में एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जहां एक युवक ने पति-पत्नी के बीच हुए विवाद के बाद आत्महत्या करने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस की तत्परता से उसकी जान बच गई।
घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारियों ने बताया कि युवक ने पारिवारिक विवाद के कारण यह कदम उठाया। स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए युवक को बचाया और उसे चिकित्सीय सहायता प्रदान की। इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत में आत्महत्या के प्रयास को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 115 के तहत, आत्महत्या के प्रयास को अब आपराधिक नहीं माना जाता, जिससे पीड़ितों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता और देखभाल प्रदान करने पर जोर दिया जाता है।
विवाद और मानसिक स्वास्थ्य के बीच के संबंध को रेखांकित करते हुए, विशेषज्ञों का कहना है कि पारिवारिक कलह और सामाजिक दबाव अक्सर युवाओं में मानसिक तनाव और अवसाद को बढ़ा सकते हैं। इस घटना से एक बार फिर इस बात पर ध्यान केंद्रित होता है कि कैसे सामाजिक और कानूनी सहायता प्रणालियों को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि ऐसे मामलों में तुरंत और प्रभावी हस्तक्षेप किया जा सके।
चोला गांव, जो सिकंदराबाद ब्लॉक का हिस्सा है, एक छोटा लेकिन घनी आबादी वाला क्षेत्र है, जहां ऐसी घटनाएं सामाजिक और सांस्कृतिक नॉर्म्स को और अधिक जटिल बना सकती हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि आत्महत्या रोकथाम के लिए समुदाय-विशिष्ट रणनीतियों की आवश्यकता है, जो इन जोखिमों को संबोधित करें।
पुलिस और स्थानीय प्रशासन इस मामले की आगे की जांच कर रहे हैं, और युवक को उचित चिकित्सीय और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान की जा रही है। यह घटना एक बार फिर से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और सहानुभूति की जरूरत को रेखांकित करती है।