बिहार में अफ़सरशाही खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बिना घुस लिए बिहार का कोई भी सरकारी काम नहीं होता। सालों चक्कर लगाने के बाद भी खाली हाथ लौटना होता है जबतक सरकारी कर्मचारियों को पैसा न दो। यूही नहीं 20 हजार कमाने वाले भी रइसों वाली जिंदगी जीते है। सैलरी से ज्याजा महंगी रेंट वाली घर होती है कमाई से 10 गुणा ज्यादा महीने का खर्च होता है। हालांकि इनसब पर अब शिकंजा कसना शुरु हो गया है। बिहार के खाद्य निगम के सहायक प्रबंधक सह उप-महाप्रबंधक शिशिर कुमार वर्मा के ठिकानों पर ईओयू द्वारा छापेमारी की गई है। उनपर आय से अधिक संपत्ति होने का आरोप है। कर्मी की सैलरी 38 हजार बताई जा रही है जबकि उसके पास से आय से10 गुणा अधिक संपत्ति होने की बात सामने आ रही है।
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पांच लाख से अधिक कैश बरामद
ईओयू द्वारा शिशिर वर्मा के पटना व बेतिया स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई है। आय से अधिक संपत्ति होने के आरोप में छापेमारी की गई है। शिशिर के खिलाफ खाद्य निगम में कार्यरत रहते हुए आय के स्रोत से 45,71,967 रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है, जो कि उनकी ज्ञात आय से 101.6 प्रतिशत अधिक है। माना जा रहा है कि यह संपत्ति अफसर ने अवैध वसूली के जरिए अर्जित की है। छापेमारी के दौरान उनके पास से पांच लाख 20 हजार नकद सहित अन्य दस्तावेज मिले है। शिशिर वर्मा के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान आवासीय परिसर से 31 जमीन के दस्तावेज सहित 27 लाख के गहने जब्त किए गए है। इन जमीनों की खरीद शिशिर वर्मा की पत्नी, भाई एवं अन्य रिश्तेदारों के नाम से की गई है। ये पटना, दिल्ली एवं बेतिया में हैं।
उधर, छापेमारी के दौरान एक लॉकर एवं विभिन्न बैंकों में खाते के भी दस्तावेज मिले हैं। जिनकी जांच की जा रही है। इसके साथ ही दो चार पहिया वाहनों को भी जब्त किया गया है। ईओयू सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान जब्त किए सभी दस्तावेजों का आकलन किया जा रहा है। बैंक खातों में जमा राशि की भी जांच की जा रही है। शिशिर वर्मा 2016 से सरकारी सेवा में कार्यरत है।