अंतरिम बजट में कोई सौगात नहीं मिलने के बाद आम लोगों को आरबीआई (RBI) से भी बड़ा झटका मिला है। सस्ते लोन (Low Rate loans) की उम्मीदों पर आरबीआई (RBI) ने पानी फेर दिया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shakti kant Das) ने 2024 की पहली मौद्रिक नीति की घोषणा की है। इसमें रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा के निर्णयों के तहत रेपो रेट को कम नहीं किया। यानी रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर ही स्थिर है। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट (Bank Rate) 6.75 प्रतिशत पर बरकरार है।
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ईएमआई में कोई राहत की संभावना नहीं
आरबीआई गवर्नर ने बैंक की क्रेडिट पॉलिसी के बाद के संबोधन में यह बताया है। इसका अर्थ है लोन की ईएमआई में राहत मिलने की संभावना नहीं है। बात दें 6 फरवरी से मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू हुई थी। आरबीआई ने इस समीक्षा में क्रेडिट पॉलिसी के तहत ‘विड्रॉल ऑफ अकोमोडेशन’ का रुख कायम है। आरबीआई गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण मांग में सुधार और इंडस्ट्री के मोर्चे पर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से अच्छे आंकड़े दिख रहे हैं।
शक्तिकांत दास के संबोधन में क्या विशेष?
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई की एमपीसी ने महंगाई दर के लक्ष्य को 4 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। इसे इस साल और घटाने पर फोकस है। दिसंबर 2023 में कोर महंगाई दर 3.8 प्रतिशत पर थी, जो इसका 4 साल का लो लेवल है। वित्त वर्ष 2024 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 5.4 प्रतिशत रखा गया। जबकि, वित्त वर्ष 2024-25 में सीपीई यानी कोर महंगाई दर के 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। इसके 4 प्रतिशत के आरबीआई के लक्ष्य में रहने का इंतजार है।