ओडिशा पिछले कुछ दिनों से देश भर में चर्चा में है। चर्चा में रहने का कारण पॉलिटिकल रहा। ओडिशा ऐसा राज्य है जहां राष्ट्रीय राजनीति के बड़े दलों भाजपा और कांग्रेस का हस्तक्षेप न के बराबर है। अगले लोकसभा चुनाव के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जब ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से अपनी दोस्ती को गठबंधन की रिश्तेदारी में बदलना चाहा, तो पटनायक ने झटक दिया। उन्होंने साफ कहा कि वे गठबंधन नहीं चाहते, अकेले ही रहेंगे। इसके बाद विपक्षी एकता की कोशिश में लगे राजनीतिक दलों के लिए अब ओडिशा अछूत सा राज्य बन गया है। लेकिन भले ही विपक्षी दलों की राजनीति में ओडिशा अभी किनारे लग गया हो, व्यापारियों को वहां उद्योग की अपार संभावनाएं दिख रही हैं। ओडिशा ने 2023 में सबसे अधिक इन्वेस्टमेंट करा पाने में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
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महाराष्ट्र में सबसे अधिक इन्वेस्टमेंट
वहीं दूसरी ओर राजनीतिक अस्थिरता को अलग मुकाम पर ले जाने वाले महाराष्ट्र से व्यापार और व्यापारियों का मोहभंग नहीं हुआ है। महाराष्ट्र अभी भी व्यापारियों की पहली पसंद है। 2023 में महाराष्ट्र में 27.6 लाख करोड़ रुपए का निवेश आया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर है ओडिशा, जहां 2023 में कुल 20.1 लाख करोड़ रुपए का निवेश आया है। वहीं तीसरे नंबर पर गुजरात है, जहां 19.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश 2023 में आया है। जबकि चौथे नंबर पर रहे आंध्रप्रदेश को 2023 में 17.6 लाख रुपए करोड़ का निवेश हुआ है।