नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज, 31 जनवरी को संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2025 पेश किया। इस रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP ग्रोथ 6.3% से 6.8% रहने का अनुमान लगाया गया है। वहीं, रिटेल महंगाई दर में कमी दर्ज की गई है, जो वित्त वर्ष 2024 में 5.4% थी और अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान 4.9% हो गई।
आपको बता दें कि इकोनॉमिक सर्वे को बजट से ठीक एक दिन पहले पेश किया जाता है। यह सरकार की आर्थिक स्थिति, विकास दर, महंगाई, उत्पादन और नीतियों पर एक विस्तृत रिपोर्ट होती है। इसे देश की अर्थव्यवस्था की डायरी भी कहा जाता है, जो यह बताती है कि वित्तीय वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था कैसी रही और भविष्य में कैसी रहने की उम्मीद है।
इकोनॉमिक सर्वे 2025 की 5 बड़ी बातें:
1️⃣ GDP ग्रोथ: वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3% से 6.8% की दर से बढ़ने की संभावना है।
2️⃣ महंगाई दर में गिरावट: वित्त वर्ष 2024-25 में रिटेल महंगाई 5.4% थी, जो अप्रैल-दिसंबर 2024 में घटकर 4.9% पर आ गई।
3️⃣ खाने-पीने की चीजों की महंगाई: खराब मौसम और कम उत्पादन के कारण सप्लाई चेन बाधित हुई, जिससे खाद्य महंगाई बढ़ी।
4️⃣ रबी फसल से राहत: वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में अच्छे रबी उत्पादन के कारण खाने-पीने की चीजों की कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद है।
5️⃣ महंगाई दर में और कमी संभव: वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में महंगाई और घट सकती है।
दिसंबर में महंगाई 4 महीने के निचले स्तर पर
दिसंबर 2024 में रिटेल महंगाई दर घटकर 5.22% हो गई, जो पिछले 4 महीनों में सबसे कम है। इससे पहले नवंबर में यह 5.48% और अगस्त में 3.65% थी।
अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहतर, लेकिन चुनौतियां बरकरार
इकोनॉमिक सर्वे में यह भी संकेत दिया गया है कि खराब मौसम और सप्लाई चेन में रुकावटों के कारण महंगाई में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। हालांकि, रबी फसल के अच्छे उत्पादन से महंगाई दर नियंत्रित रहने की संभावना है।
बजट 2025 से क्या उम्मीदें?
अब सभी की निगाहें 1 फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2025 पर टिकी हैं। उम्मीद की जा रही है कि सरकार आर्थिक विकास को गति देने और महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए नई नीतियां पेश कर सकती है।