अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने 24 जून को ग्रुप की 32वीं एनुअल जनरल मीटिंग की अध्यक्षता की। इस दौरान गौतम अडाणी ने पिछले साल अडाणी ग्रुप के साथ वाकयों का जिक्र भी किया और अपनी सफाई देने के साथ मजबूत इरादा भी जताया। गौतम अडाणी ने अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि यह सिर्फ हमें बदनाम करने के लिए बनाई गई थी। इसके साथ ही गौतम अडाणी ने अपने ग्रुप पर हुए राजनीतिक आरोपों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शॉर्टसेलर का हमला दोतरफा था, जिसमें राजनीति आरोप और गलत जानकारियां शामिल थीं।
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आपको बता दें कि लगभग डेढ़ साल पहले 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट सार्वजनिक की। इस रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए थे। जैसे ही यह रिपोर्ट आई, अडाणी ग्रुप को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ। ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 1 लाख करोड़ रुपए कम हो गई थी। AGM में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर गौतम अडाणी ने कहा कि “कोई भी चुनौती अडाणी ग्रुप की नींव को कमजोर नहीं कर सकती”
गौतम अडाणी ने कहा कि “हमने साबित किया हैकि कोई भी चुनौती अडाणी ग्रुप की नींव को कमजोर नहीं कर सकती है। हमारी नींव तीन मूल मूल्यों – साहस, विश्वास, उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता पर बनी है। शॉर्ट-सेलर का हमला दोतरफा था, जिसमें गलत जानकारी और राजनीतिक आरोप शामिल थे। शॉर्ट सेलर का हमला तब किया गया जब हम फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) ला रहे थे।” जिन राजनीतिक आरोपों की बात गौतम अडाणी ने की है, वे राहुल गांधी ने मुखर होकर लगाए गए हैं। राहुल गांधी ने गौतम अडाणी और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार पर खूब हमला बोला है। संसद से लेकर चुनावी रैलियों और जनसभाओं में राहुल गांधी और कांग्रेस के साथ तमाम विपक्षी दलों ने अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जरिए आरोप लगाए हैं।
इस दौरान गौतम अडाणी ने मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “शॉर्ट-सेलर हमले को मीडिया के एक वर्ग ने आगे बढ़ाया था। शॉर्ट-सेलर का हमला बदनाम करने, नुकसान पहुंचाने, मार्केट वैल्यू को कम करने के लिए तैयार किया गया था। अब तक के सबसे बड़े FPO के जरिए 20,000 करोड़ जुटाने के बावजूद, हमने पैसों को लौटाने का फैसला किया। FPO की आय लौटाने का फैसला हमारे निवेशकों के प्रति समर्पण को दर्शाता है।”