आयकर जमा करना हर इंसान का कानूनी दायित्व है। इसके कई फायदे भी हैं। आप आयकर जमा कर जुर्माने से बच सकते हैं। आईटीआर उनके लिए अनिवार्य है, जिनकी आय आयकर विभाग द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक होती है। वो लोग आयकर जमा कर कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं।
कर वापसी के दावे को आईटीआर चाहिए
अपनी इनकम पर कर-कटौती (टीडीएस) या अग्रिम कर भुगतान के जरिए जरूरत से अधिक कर का भुगतान किया है तो रिटर्न दाखिल करके कर वापसी का दावा कर सकते हैं। यह खासकर कर तब फायदेमंद हो सकता है, जब आपके पास ऐसे निवेश या खर्चे हों, जो छूट के दायरे में आते हैं। किसी की इनकम कर के दायरे में नहीं आती, उसके बावजूद किसी कारण से उसका टीडीएस कटता है तो उसे अपना कर वापसी पाने को आईटीआर भरना जरूरी है। मतलब कर वापसी के दावे के लिए आईटीआर दाखिल करना जरूरी है।
कटौती-छूट मिलेगी
आप आईटीआर दाखिल करके आयकर एक्ट के तहत मिलने वाली कटौती एवं छूट का लाभ उठा सकते हैं। जैसे- कर-बचत साधन (भविष्य निधि (पीएफ), ईएलएसएस) में निवेश, बीमा प्रीमियम के भुगतान, धर्मार्थ संगठनों को दिए दान और होम लोन और शिक्षा से संबंधित खर्च पर छूट पा सकते हैं।
वित्तीय योजना बना सकेंगे
आईटीआर दाखिल करने पर वित्तीय लेन-देन, कमाई का जरिया और कर देयताएं का पूरा रिकॉर्ड मिल जाता है। यह जानकारी वित्तीय योजना, बजट बनाने और निवेश से जुड़े निर्णय लेने में बहुत काम आती है।
सरकारी लाभ मिलेंगे
आयकर भुगतान करने के बाद सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ मिलता है। इसके साथ ही सरकार द्वारा दिए जाने वाले कई सामाजिक सुरक्षा के लाभ और सब्सिडी के लिए पात्र हो जाते हैं।