बक्सर जिले की राजपुर सुरक्षित विधानसभा सीट पर आयोजित NDA का विधानसभा सम्मेलन हंगामे और नोकझोंक के बीच सुर्खियों में आ गया। सम्मेलन के दौरान मंच पर नेताओं को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि कई दिग्गजों को संबोधन का मौका तक नहीं मिला। सम्मेलन के मंच पर भाजपा और जदयू के बड़े नेता जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, रत्नेश सदा और लवली आनंद मौजूद थे। इसी दौरान विवाद तब खड़ा हुआ जब भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजवंश सिंह को मंच से संबोधित करने से रोक दिया गया।
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इतना ही नहीं, राजपुर विधानसभा के संभावित प्रत्याशी और मुखिया विश्वनाथ पासवान को मंच पर चढ़ने की अनुमति तक नहीं दी गई। वहीं जदयू नेता रवि राज को भी मंच से दूर रखा गया। हंगामे का आरोप पूर्व विधायक और पूर्व परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला के समर्थकों पर लगाया जा रहा है। उनका गुट मंच संचालन में हावी रहा और उन्होंने मनचाहे नेताओं को ही सम्मेलन में शामिल होने और मंच पर जगह देने की अनुमति दी।
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बताया जा रहा है कि यह कदम भविष्य में किसी अन्य को संभावित प्रत्याशी बनने से रोकने की रणनीति के तहत उठाया गया। राजपुर सम्मेलन में हुए इस हंगामे ने स्थानीय राजनीति में हलचल मचा दी है। एनडीए नेताओं के बीच खुलेआम हुए विवाद से आगामी चुनाव में गुटबाजी की तस्वीर और स्पष्ट हो गई है। वहीं आम कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच भी इस घटना को लेकर नाराजगी देखी जा रही है।






















